राजनीति की गर्मी बढ़ाते हुए, RJD नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
मुंगेर में खानकाह रहमानी में बुजुर्गों को श्रद्धांजलि देने और अमीर-ए-शरीअत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी से मुलाकात के बाद तेजस्वी ने बिहार में बढ़ते अपराध और सत्ता संरक्षित अपराधियों की सूची उजागर की। उन्होंने दावा किया कि पटना, मधेपुरा, कटिहार, समस्तीपुर, बांका, बेगूसराय, भभुआ, सिवान, गोपालगंज, मोतिहारी, और सीतामढ़ी में घरों में घुसकर हत्याएं हो रही हैं।
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “बेसुध और थके हारे” करार देते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जिसके चलते बिहार में “खून की नदियाँ” बह रही हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री जमीनी हकीकत से अनभिज्ञ हैं और आम जनता के खून से खेल रहे हैं।
पटना में मदरसा एजुकेशन बोर्ड के शताब्दी समारोह का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार ने शिक्षकों को सम्मान स्वरूप टोपी पहनने से इनकार किया, जबकि बहाली में देरी से नाराज लोगों ने नारेबाजी और हंगामा किया। इस घटना के बाद मंत्रियों को स्टेज छोड़कर भागना पड़ा, और तेजस्वी ने सरकार पर मुसलमानों को “बेवकूफ बनाने” का आरोप भी लगाया।
तेजस्वी की मुंगेर यात्रा और अपराधियों की सूची जारी करना उनकी आगामी विधानसभा चुनाव रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने न केवल कानून-व्यवस्था की विफलताओं को उजागर किया, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय और आम जनता को जोड़ते हुए सरकार पर राजनीतिक दबाव बढ़ाने की कोशिश की।
हालांकि, तेजस्वी के आरोपों की पुष्टि के लिए स्वतंत्र और सरकारी आंकड़ों की जांच आवश्यक है। बिहार सरकार ने पहले भी ऐसे आरोपों को खारिज किया है और दावा किया है कि राज्य में सुशासन कायम है।
तेजस्वी यादव ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर बम फोड़ा है और नीतीश सरकार की छवि को चुनौती दी है। विधानसभा चुनाव से पहले यह बयान राजनीतिक तापमान बढ़ाने वाला और राज्य की सियासत में भूचाल लाने वाला साबित हो सकता है।