पटना, 28 सितंबर 2025
बिहार की राजनीति में इन दिनों गरमी बढ़ गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा धमाका करते हुए कहा कि उनके पास भाजपा-जदयू नेताओं और नीतीश कुमार सरकार के कई अफसरों के भ्रष्टाचार के ठोस सबूत हैं। तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने हर विभाग से जुड़े घोटालों, अनियमितताओं और अफसरों की भूमिका की विस्तृत लिस्ट तैयार कर ली है और आने वाले दिनों में इसका खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि किस तरह सत्ता में बैठे लोग जनता के पैसे और सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार की स्थिति भयावह है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सरकार के कार्यकाल में बालू माफिया से लेकर शराब माफिया तक हर जगह सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार चल रहा है। तेजस्वी ने कहा, “मेरे पास हर विभाग, हर घोटाले और हर भ्रष्ट अफसर की डिटेल लिस्ट है। अब इसे जनता के सामने लाने का वक्त आ गया है। बिहार में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं और मुख्यमंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं। यह चुप्पी मिलीभगत का संकेत है।”
तेजस्वी ने यह भी साफ किया कि वे केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं कर रहे, बल्कि सबूतों के साथ यह लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेज, फाइलें, और सबूत वे कोर्ट और जांच एजेंसियों को सौंपने के लिए तैयार हैं ताकि जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो सके। उनके अनुसार इस लिस्ट में भूमि घोटाले, शिक्षा विभाग में शिक्षक नियुक्तियों की अनियमितताएँ, मनरेगा योजनाओं में गड़बड़ियाँ, पुल निर्माण और ठेकेदारी में हेराफेरी, और अफसरों की मिलीभगत से शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब कारोबार जैसे मामले शामिल हैं।
राजनीतिक हलकों में इस बयान के बाद हलचल तेज हो गई है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोला था और भ्रष्टाचार को आने वाले चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाने की बात कही थी। विशेषज्ञों का मानना है कि तेजस्वी और प्रशांत किशोर दोनों मिलकर राज्य में विपक्षी राजनीति को धार देने का काम कर रहे हैं और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर बड़ा अभियान चलाने की तैयारी कर रहे हैं।
दूसरी ओर, जदयू और भाजपा नेताओं ने तेजस्वी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल राजनीति में सुर्खियाँ बटोरने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी खुद कई मामलों में आरोपित हैं और उन्हें पहले अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना चाहिए। हालांकि सोशल मीडिया और जनता के बीच तेजस्वी के इस बयान को लेकर उत्सुकता है और लोग यह जानने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि आखिर इस लिस्ट में कौन-कौन से बड़े नाम सामने आते हैं।
तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की राजनीति को नए मोड़ पर ले जा सकता है। आने वाले दिनों में अगर वे सबूतों के साथ खुलासा करते हैं, तो यह नीतीश कुमार सरकार के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है और विधानसभा चुनाव से पहले माहौल को विपक्ष के पक्ष में मोड़ सकता है।