जनवरी 2025 तमिलनाडु के लिए एक दिलचस्प महीना रहा—जहां एक ओर राज्य में गणतंत्र दिवस समारोह ने राजनीतिक सौहार्द और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर तमिल सिनेमा में फिल्म रिलीज से जुड़ा पंचांग विवाद सुर्खियों में रहा।
चेन्नई के मरीना बीच पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में राज्यपाल आर.एन. रवि और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक साथ मंच साझा कर राज्य और राजभवन के बीच सकारात्मक सामंजस्य का संदेश दिया। दोनों की मौजूदगी न सिर्फ तमिलनाडु की राजनीतिक परिपक्वता को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि संविधानिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में संवाद और सहयोग सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपने भाषण में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा और गणतंत्र के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता जताई, जो राज्य की समावेशी सोच का प्रमाण है।
इसी दौरान, फिल्म प्रेमियों की निगाहें सुपरस्टार अजीत कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘Vidaamuyarchi‘ पर टिकी रहीं। यह फिल्म पहले पोंगल के शुभ अवसर पर रिलीज होने की अटकलों में थी, लेकिन अंततः इसकी रिलीज तारीख 6 फरवरी तय की गई। दिलचस्प यह रहा कि फिल्म के प्रचार ने जनवरी में ही संपूर्ण राज्य का मीडिया और पब्लिक स्पेस घेर लिया। पंचांग की शुभ-अशुभ तिथियों पर आधारित इस रिलीज रणनीति ने न केवल धार्मिक-सांस्कृतिक विश्वासों की झलक दी, बल्कि यह भी बताया कि तमिल फिल्म उद्योग में त्यौहार और रिलीज की टाइमिंग किस कदर महत्वपूर्ण होती है। ‘Vidaamuyarchi‘ का प्रचार अभियानों, म्यूजिक रिलीज और सोशल मीडिया ट्रेंड्स के माध्यम से लगातार ध्यान खींचना दर्शाता है कि तमिलनाडु में सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक घटना होता है।
इस प्रकार जनवरी 2025 में तमिलनाडु ने लोकतांत्रिक मूल्यों, सांस्कृतिक चेतना और सिनेमाई जुनून—इन तीनों का जीवंत समागम देखा। यह महीना राज्य की राजनीति और मनोरंजन जगत के एक-दूसरे के पूरक पक्षों को सामने लाता है, जहां उत्सव और विमर्श दोनों ने एक समान स्थान बनाया।