ताइपेई
18 जुलाई 2025
ताइवान की उपराष्ट्रपति Hsiao Bi-khim ने एक अहम बयान में कहा है कि ताइवान चीन के साथ किसी भी प्रकार के टकराव को उकसाना नहीं चाहता और क्षेत्र में शांति बनाए रखने का पक्षधर है। उन्होंने यह भी साफ किया कि ताइवान संप्रभुता और सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा, और किसी भी खतरे की स्थिति में प्रभावी आत्मरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
बढ़ते तनाव के बीच आई संयम की अपील
यह बयान ऐसे समय आया है जब ताइवान स्ट्रेट में सैन्य गतिविधियां और भू-राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहे हैं। चीन बार-बार ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है, जबकि ताइवान स्वतंत्र लोकतांत्रिक व्यवस्था और वैश्विक साझेदारियों के रास्ते पर आगे बढ़ता जा रहा है।
Hsiao Bi-khim, जो स्वयं एक अनुभवी राजनयिक और अमेरिका में ताइवान की पूर्व प्रतिनिधि रह चुकी हैं, ने कहा, “हम किसी को भी उकसाना नहीं चाहते, न ही संघर्ष की तलाश में हैं। लेकिन यदि हमें मजबूर किया गया, तो हम अपने नागरिकों और लोकतंत्र की रक्षा में पीछे नहीं हटेंगे।”
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी दिया संदेश
Hsiao ने यह भी ज़ोर दिया कि ताइवान अंतरराष्ट्रीय नियमों और शांति बनाए रखने वाले ढांचे का सम्मान करता है, और उम्मीद करता है कि दुनिया की लोकतांत्रिक शक्तियाँ आक्रामक रुख अपनाने वाले देशों को संयम की राह पर लाने में मदद करेंगी। इस दौरान उन्होंने भारत, जापान, अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ आर्थिक व तकनीकी सहयोग को और गहरा करने की बात भी दोहराई।
बीजिंग की तीखी प्रतिक्रिया संभव
चीन की सरकार Hsiao Bi-khim को पहले ही “स्वतंत्रता समर्थक नेता” मानकर आलोचना करती रही है। विश्लेषकों का मानना है कि इस बयान पर चीन की तरफ से राजनयिक नाराज़गी या सैन्य प्रतिक्रिया भी देखने को मिल सकती है। हाल ही में चीन ने ताइवान के पास बड़े पैमाने पर नौसैनिक अभ्यास किए थे, जिसे ताइवान को चेतावनी के रूप में देखा गया था।
ताइवान का संतुलन भरा संदेश
Hsiao Bi-khim का यह बयान एक ओर शांति और बातचीत की पहल है, तो दूसरी ओर संप्रभुता और आत्मरक्षा के अधिकार की मुखर अभिव्यक्ति भी। यह बयान न केवल ताइवान की कूटनीतिक स्थिति को स्पष्ट करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह दुनिया के सामने खुद को एक जिम्मेदार और आत्मनिर्भर लोकतंत्र के रूप में स्थापित करना चाहता है। अब निगाहें चीन की प्रतिक्रिया और अमेरिका समेत वैश्विक शक्तियों की रणनीतिक मुद्रा पर टिकी हैं।