नई दिल्ली 11 सितम्बर 2025
नेपाल की अर्थव्यवस्था वर्तमान में गंभीर संकट का सामना कर रही है। विश्व बैंक ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देश की आर्थिक बदहाली और बेरोजगारी के पीछे के कारणों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि यदि नेपाल ने समय रहते शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास जैसे बुनियादी क्षेत्रों में निवेश किया होता, तो वर्तमान आर्थिक हालात इतने गंभीर नहीं होते।
विशेष रूप से युवा पीढ़ी, यानी Gen Z, इस स्थिति से बेहद प्रभावित है। बढ़ती बेरोजगारी और सीमित आर्थिक अवसरों के कारण देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। विश्व बैंक के अनुसार, नेपाल की कमजोर आर्थिक नीतियों और संरचनात्मक सुधारों की कमी ने हालात को और भी विकराल बना दिया है। युवा वर्ग अब पारंपरिक राजनीतिक व्यवस्थाओं से असंतुष्ट होकर अपने अधिकारों और अवसरों के लिए सड़क पर उतर रहा है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि नेपाल ने मानव संसाधनों में निवेश बढ़ाया होता और शिक्षा तथा कौशल विकास पर समय रहते ध्यान दिया होता, तो बेरोजगारी की समस्या इतनी गंभीर नहीं होती। वर्तमान में युवाओं में निराशा और असंतोष बढ़ रहा है, और उनका यह गुस्सा देश की स्थिरता के लिए चुनौती बन सकता है।
हाल ही में नेपाल में हुए Gen Z प्रदर्शन ने देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक नई और चिंताजनक कहानी लिखी है। पुलिस की गोलीबारी में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जो कि नेपाल में एक बार में हुए सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में शामिल है। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व नई पीढ़ी ने किया, जो पारंपरिक राजनीतिक व्यवस्था से असंतुष्ट है और व्यापक परिवर्तन की मांग कर रही है।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस विरोध के चलते इस्तीफा देना पड़ा, जो युवाओं के आंदोलन की बड़ी जीत मानी जा रही है। हालांकि, भविष्य में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक सुधार के लिए अभी कई चुनौतियां बाकी हैं। Gen Z प्रदर्शनकारी नई राजनीतिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं, जिसमें अधिक पारदर्शिता, समावेशिता और आधुनिक लोकतांत्रिक ढांचे को प्राथमिकता दी जाए।
कुल मिलाकर, विश्व बैंक की रिपोर्ट और नेपाल में हो रहे जन आंदोलनों से यह स्पष्ट है कि यदि नेपाल ने समय रहते शिक्षा, कौशल विकास और मानव संसाधन पर ध्यान दिया होता, तो वर्तमान आर्थिक संकट से बचा जा सकता था। अब समय है कि नेपाल ठोस और रणनीतिक कदम उठाए, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित हो।