नई दिल्ली
18 जुलाई 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज गणराज्य कोरिया (दक्षिण कोरिया) के राष्ट्रपति श्री ली जे म्यंग के विशेष दूत श्री किम बू क्युम के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और अधिक गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जून 2025 में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति ली जे म्यंग के साथ हुई अपनी गर्मजोशीपूर्ण और सार्थक मुलाकात को याद करते हुए, इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल को भारत भेजने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
इंडो-पैसिफिक में स्थिरता के लिए संबंधों की भूमिका अहम
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और कोरिया के बीच बहुआयामी और गहरे संबंधों को दोनों लोकतंत्रों के लिए एक स्थिर कारक बताया, विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान देती है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भी मजबूती लाती है।
निवेश और तकनीकी सहयोग की असीम संभावनाएं
प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक और विनिर्माण विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए उभरती तकनीकों, जहाज निर्माण, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन हाइड्रोजन, और बैटरी निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कोरिया के साथ निवेश और सहयोग की संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने भारत की जनसंख्या लाभांश और कुशल मानव संसाधन को दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए परिवर्तनकारी शक्ति बताया।
राष्ट्रपति ली जे म्यंग को भारत आने का फिर आमंत्रण
कोरियाई प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति ली जे म्यंग की ओर से शुभकामनाएं और विशेष संदेश प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा, जिसमें भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी को कोरिया द्वारा दिए गए महत्व को दोहराया गया। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को और ऊंचे स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधिमंडल को उनकी पहल और प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं और राष्ट्रपति ली जे म्यंग को जल्द भारत आने का निमंत्रण एक बार फिर दोहराया।