लेह, 24 सितंबर 2025
लद्दाख के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने 15 दिन पुरानी भूख हड़ताल को समाप्त करने का ऐलान कर दिया है। उनका यह निर्णय उस वक्त आया जब लद्दाख की राज्यत्व और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन हिंसक हो गया और लेह की सड़कों पर तनाव फैल गया।
क्यों थी हड़ताल
सोनम वांगचुक ने यह भूख हड़ताल लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) में शामिल करने की मांग को लेकर शुरू की थी। उनका कहना था कि लद्दाख की ज़मीन, रोजगार और संसाधनों की रक्षा तभी संभव होगी जब क्षेत्र को संवैधानिक गारंटी मिले।
हिंसक मोड़
लेह में प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालयों और पुलिस वाहनों में आगजनी की। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी और पांच से अधिक लोगों की सभा पर रोक लगा दी।
सोनम वांगचुक का संदेश
हड़ताल खत्म करते हुए वांगचुक ने कहा,
“हमारी लड़ाई शांतिपूर्ण है। हिंसा से हमारा मकसद कमज़ोर पड़ता है। युवाओं से मेरी अपील है कि वे संयम रखें और अहिंसक तरीके से अपनी आवाज़ बुलंद करें।” उन्होंने कहा कि यह आंदोलन ‘Gen Z क्रांति’ से प्रेरित है, क्योंकि आज के नौजवान बेरोजगारी और अवसरों की कमी से जूझ रहे हैं और अपनी पहचान व अधिकारों की सुरक्षा को लेकर सबसे ज्यादा सजग हैं।
आगे की राह
अब सबकी नज़र 6 अक्टूबर को प्रस्तावित केंद्र सरकार और लद्दाख प्रतिनिधियों (लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस) की बैठक पर है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें राज्यत्व और संवैधानिक सुरक्षा से जुड़ी मांगों पर गहन चर्चा होगी।