नई दिल्ली 17 अगस्त 2025
स्वस्थ जीवन जीने के लिए नींद का महत्व अत्यंत गहरा और अनिवार्य है। नींद केवल शरीर को आराम देने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारे मस्तिष्क के पुनर्निर्माण, याददाश्त को मजबूत करने, और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने की एक जरूरी प्रक्रिया है। जब हम पर्याप्त नींद लेते हैं, तब हमारा शरीर दिनभर के तनाव और थकान से उबर पाता है। इसका सीधा असर हमारे मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता, और शारीरिक ऊर्जा पर पड़ता है। नींद की कमी से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे हम बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं।
आधुनिक जीवनशैली में तनाव, अत्यधिक काम का बोझ, मोबाइल और टीवी का अत्यधिक उपयोग, अनियमित खान-पान और मानसिक बेचैनी के कारण लोगों की नींद प्रभावित हो रही है। लगातार कम नींद लेने से न केवल थकान होती है बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डालती है। इससे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, चिड़चिड़ापन, और लंबे समय तक चलने पर डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, नींद की गुणवत्ता और समय दोनों का सही ध्यान रखना जरूरी है ताकि हम शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में स्वस्थ रह सकें।
नींद की अच्छी आदतें अपनाना आसान हो सकता है यदि हम कुछ सावधानियां बरतें। सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग बंद कर देना चाहिए क्योंकि इनसे निकलने वाली नीली रोशनी मस्तिष्क को जागरूक रखती है और नींद में बाधा उत्पन्न करती है। सोने का एक निश्चित समय निर्धारित करें और कोशिश करें कि हर दिन उसी समय सोएं और जागें। इससे हमारे शरीर की जैविक घड़ी सही रहती है और नींद की गुणवत्ता बढ़ती है। इसके साथ ही, कैफीन और भारी भोजन को सोने से कुछ घंटे पहले लेना टालना चाहिए।
नींद को लेकर हमारी समझ तभी पूर्ण होगी जब हम इसे केवल आराम का समय न समझकर एक सक्रिय और आवश्यक जीवन क्रिया मानेंगे। स्वस्थ नींद न केवल हमारी ऊर्जा को पुनः स्थापित करती है, बल्कि यह हमारे दिल, मस्तिष्क, और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सशक्त बनाती है। इसलिए, जीवन के प्रत्येक चरण में नींद को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है ताकि हम एक स्वस्थ, खुशहाल और ऊर्जावान जीवन जी सकें।