नई दिल्ली 23 सितंबर 2025
प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि तक सीमित रहने वाली बीमारी मानी जाती है, लेकिन कई गंभीर मामलों में इसके लक्षण शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल जाते हैं और कभी-कभी यह त्वचा पर भी दिखाई देने लगते हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अगर त्वचा पर अजीब तरह की गांठें (नोड्यूल्स), छोटे उभरे हुए दाने (पैपुल्स) या बार-बार होने वाले घाव दिखाई दें, तो इन्हें नज़रअंदाज़ न किया जाए। हेडलाइन में बताई गई बातें इस मायने में बिल्कुल सही हैं कि ये शुरुआती संकेत बड़े खतरे की ओर इशारा कर सकते हैं और इन्हें पहचानना बेहद ज़रूरी है।
त्वचा पर दिखने वाले प्रमुख लक्षण
डॉक्टरों के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर जब त्वचा में फैलता है तो इसे क्यूटेनियस मेटास्टेसिस कहा जाता है। इस स्थिति में त्वचा पर कठोर और दर्दरहित गांठें यानी नोड्यूल्स उभर आते हैं। कई बार ये छोटे-छोटे दाने यानी पैपुल्स के रूप में दिखाई देते हैं, जिनका रंग हल्का लाल, भूरा या सामान्य त्वचा जैसा हो सकता है। ये अक्सर छाती, पेट, पीठ और हाथ-पांव पर पाए जाते हैं, लेकिन कभी-कभी जननांग क्षेत्र के आसपास भी उभर सकते हैं।
इसके अलावा कुछ मामलों में ये घाव पट्टी जैसी आकृति में दिखाई देते हैं, जिसे ज़ोस्टेरिफॉर्म वितरण कहा जाता है। यह स्थिति अक्सर हरपीज़ ज़ोस्टर जैसी त्वचा बीमारी से मिलती-जुलती लग सकती है, जिससे कई बार रोग की पहचान देर से होती है। कुछ रोगियों में त्वचा सख्त और चमकदार हो जाती है, जिसे स्क्लेरोडर्मॉइड परिवर्तन कहा जाता है। वहीं गंभीर मामलों में ये गांठें फूटकर अल्सरेशन यानी खुले घाव में बदल जाती हैं, जिनसे तरल पदार्थ या खून भी निकल सकता है।
निदान और जांच की ज़रूरत
चिकित्सक मानते हैं कि त्वचा पर ऐसे असामान्य बदलावों को सामान्य दाने या संक्रमण समझकर नज़रअंदाज़ करना सबसे बड़ी भूल है। अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय तक ऐसे लक्षण दिखें और वे ठीक न हों, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। इसका सही निदान बायोप्सी के ज़रिए किया जा सकता है, जिसमें त्वचा से ऊतक लेकर यह देखा जाता है कि उसमें प्रोस्टेट कैंसर से जुड़े मार्कर मौजूद हैं या नहीं। कई बार इम्युनोहिस्टोकेमिकल स्टडी भी की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये बदलाव कैंसर से जुड़े हैं।
समय रहते पहचान बेहद ज़रूरी
विशेषज्ञ बताते हैं कि हालांकि त्वचा पर ऐसे लक्षण बहुत दुर्लभ होते हैं, लेकिन जब भी ये सामने आते हैं तो यह संकेत होता है कि रोग काफ़ी आगे बढ़ चुका है। ऐसे में शुरुआती पहचान और समय पर इलाज से रोगी की जीवन गुणवत्ता और इलाज की सफलता दोनों पर बड़ा फर्क पड़ सकता है।
संक्षेप में कहा जाए तो नोड्यूल्स, पैपुल्स और त्वचा पर अचानक हुए अजीब बदलाव प्रोस्टेट कैंसर के संकेत हो सकते हैं, इसलिए इन्हें कभी भी हल्के में न लें और तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें।