Home » National » कनाडा का झटका: 80% भारतीय छात्रों के वीज़ा रिजेक्ट, अब जर्मनी बनी नंबर-1 पसंद

कनाडा का झटका: 80% भारतीय छात्रों के वीज़ा रिजेक्ट, अब जर्मनी बनी नंबर-1 पसंद

Facebook
WhatsApp
X
Telegram

नई दिल्ली 10 सितंबर 2025

भारतीय छात्रों के लिए कनाडा अब सपनों की मंज़िल नहीं रहा। साल 2025 में कनाडाई सरकार ने लगभग 80% वीज़ा आवेदन खारिज कर दिए, जिससे वहां पढ़ाई करने का सपना देखने वाले लाखों युवाओं को बड़ा झटका लगा है। यह अब तक की सबसे बड़ी रिजेक्शन दर बताई जा रही है।

कनाडा की सख़्ती से टूटा भरोसा

पिछले कुछ सालों से कनाडा भारतीय छात्रों के लिए टॉप डेस्टिनेशन माना जाता था, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। 2022 में जहां कनाडा की लोकप्रियता करीब 18% थी, वहीं 2025 में यह घटकर महज 9% पर आ गई। छात्रों और शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि कनाडा की बदलती नीतियां, महंगे खर्च और वीज़ा रिजेक्शन ने उसकी साख गिरा दी है।

जर्मनी का उदय – नई शिक्षा राजधानी

इस बीच जर्मनी भारतीय छात्रों की पहली पसंद बन गया है। ताज़ा रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मनी में रुचि 13% से उछलकर 32% से ज़्यादा हो गई है। इसकी बड़ी वजहें हैं –

  1. न्यूनतम या शून्य ट्यूशन फीस
  2. स्थिर और पारदर्शी वीज़ा प्रक्रिया
  3. इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में बेहतरीन रोजगार अवसर
  4. पढ़ाई के बाद लंबे समय तक काम करने की सुविधा

वैश्विक शिक्षा का बदला नक्शा

विशेषज्ञ मानते हैं कि अब छात्र सिर्फ “नाम और प्रतिष्ठा” पर नहीं, बल्कि ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) और भविष्य के अवसरों पर ध्यान दे रहे हैं। यही कारण है कि अमेरिका और कनाडा की चमक कम हुई है, जबकि जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और यहां तक कि UAE जैसे देश नए विकल्प बनकर उभरे हैं।

छात्र बोले – “कनाडा अब भरोसेमंद नहीं”

भारतीय छात्रों ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जताते हुए लिखा है कि कनाडा उनकी मेहनत और सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। वहीं जर्मनी को लेकर प्रतिक्रियाएं बेहद सकारात्मक हैं। एक छात्र ने ट्वीट किया, “कनाडा हमें रिजेक्ट कर सकता है, लेकिन जर्मनी हमें अपनाने के लिए तैयार है। यही असली बदलाव है।”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *