मुंबई, महाराष्ट्र
25 जुलाई 2025:
भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट का दौर जारी है। बीते दो कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 1300 अंक से ज्यादा टूट चुका है, जबकि निफ्टी 50 24,850 के नीचे आ गया है। निवेशकों में घबराहट बढ़ गई है और बाजार में बिकवाली का दबाव साफ देखा जा रहा है।
शेयर बाजार की इस तेज गिरावट के पीछे कई घरेलू और वैश्विक कारण हैं:
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली (FII Sell-off): अमेरिका में ब्याज दरों में फिर बढ़ोतरी की संभावना के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं। जुलाई में अब तक ₹18,000 करोड़ से अधिक की बिकवाली हो चुकी है।
- वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता: चीन की धीमी विकास दर और यूरोप में आर्थिक सुस्ती का असर एशियाई बाजारों पर भी पड़ा है। अमेरिका में मंदी की आशंका और मिडल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनाव से भी बाजार दबाव में हैं।
- घरेलू कॉर्पोरेट नतीजे उम्मीद से कम: कई बड़ी कंपनियों जैसे ITC, Infosys और HDFC Bank के तिमाही नतीजे अनुमान से कमजोर रहे, जिससे बाजार का मनोबल टूटा है। खासकर बैंकिंग और आईटी शेयरों में गिरावट ने प्रमुख सूचकांकों को नीचे धकेला।
- बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों का डर: भारत में खुदरा महंगाई दर बढ़ने की आशंका और रिजर्व बैंक द्वारा अगले महीने दरें बढ़ाने की संभावना ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
- तकनीकी संकेत और मुनाफावसूली: निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने पिछले हफ्ते रिकॉर्ड ऊंचाई छूई थी। अब तकनीकी तौर पर ये सूचकांक ‘ओवरबॉट’ जोन में थे, जिससे स्वाभाविक मुनाफावसूली शुरू हुई।
विशेषज्ञों की राय: विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट फिलहाल अस्थायी है। हालांकि कुछ और दबाव आ सकता है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की ज़रूरत नहीं है। निवेशकों को fundamentally strong शेयरों में बने रहने की सलाह दी गई है।
भारतीय शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट घरेलू और वैश्विक कारकों की संयुक्त प्रतिक्रिया है। निवेशकों के लिए यह वक्त सावधानी से कदम उठाने और लंबे समय के नजरिए से रणनीति बनाने का है। बाजार की अस्थिरता के बीच सूझबूझ से लिया गया फैसला ही भविष्य में बड़ा लाभ दे सकता है।