कन्नड़ रंगमंच और फिल्म जगत के प्रतिष्ठित अभिनेता सरिगामा विझी, जिनका असली नाम विजयकुमार था, का 15 जनवरी 2025 को निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें मल्टी-ऑर्गन फेलियर हुआ, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन की खबर फैलते ही कर्नाटक सहित पूरे दक्षिण भारत के सांस्कृतिक और सिनेमाई जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
सरिगामा विझी न केवल एक सशक्त अभिनेता थे, बल्कि वे एक गहन रंगकर्मी, निर्देशक और लेखक भी थे। उन्होंने अपने करियर में 250 से अधिक नाटकों में अभिनय किया और कई प्रमुख कन्नड़ फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं। विशेषकर ग्रामीण जीवन, सामाजिक अन्याय, और मानवीय मूल्यों से जुड़ी कहानियों को मंच पर प्रस्तुत करने की उनकी शैली ने उन्हें आमजन के दिलों में जगह दिलाई।
विझी को उनके सार्थक संवाद, मुखर अभिनय, और भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए जाना जाता था। ‘सरिगामा विझी‘ नाम उन्हें कन्नड़ रंगमंच की मशहूर मंडली ‘सरिगामा‘ से मिला था, जिसके वे संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होंने कन्नड़ थियेटर को जीवंत बनाए रखने में एक अग्रणी भूमिका निभाई। साथ ही उन्होंने टीवी सीरियल्स और फिल्म लेखन में भी योगदान दिया। कन्नड़ फिल्म ‘भावना‘ और ‘होंगल्ली मोग्गु‘ जैसी कलात्मक फिल्मों में उनके अभिनय को आज भी दर्शक याद करते हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “सरिगामा विझी केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना के सजग प्रहरी थे। उनका योगदान युगों तक याद किया जाएगा।” कई रंगकर्मी, फिल्म निर्देशकों, और कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सरिगामा विझी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव चिक्कबल्लापुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री हैं। उनके निधन के साथ कन्नड़ रंगमंच और सिनेमा के एक स्वर्णिम युग का अंत माना जा रहा है।