नई दिल्ली
23 जुलाई 2025
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा देश में वैज्ञानिक आधारभूत ढांचे को सशक्त बनाने के लिए ‘विज्ञान धारा’ योजना के तहत बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। यह योजना केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में कार्यान्वित हो रही है, जिसके अंतर्गत FIST, PURSE, SAIF, SATHI और CURIE जैसे प्रमुख घटकों के जरिए देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैज्ञानिक ढांचागत विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि योजना के तहत 214 से अधिक संस्थानों/प्रोजेक्ट्स को सीधे समर्थन मिला है, जिनमें IITs, NITs, AIIMS, IISERs, IISc जैसे संस्थान शामिल हैं। खास बात यह है कि मंत्रालय ने क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य पिछड़े क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता दी है।
प्रमुख आंकड़े:
FIST कार्यक्रम के तहत 27 प्रोजेक्ट्स को ₹31.71 करोड़ का अनुदान मिला।
PURSE योजना के अंतर्गत 13 राज्यों में 13 प्रोजेक्ट्स को ₹65.66 करोड़ का सहयोग मिला।
SAIF के अंतर्गत ₹10 करोड़ में 5 राज्यों को 8 वैज्ञानिक सुविधाएं प्रदान की गईं।
SATHI योजना के माध्यम से राजस्थान, तेलंगाना, यूपी और बंगाल में 4 प्रोजेक्ट्स को ₹76.86 करोड़ का सीधा समर्थन मिला।
CURIE योजना के तहत तीन प्रोजेक्ट्स को कुल ₹1 करोड़ का सहयोग मिला।
आंध्र प्रदेश में दो प्रमुख प्रोजेक्ट्स को मिला समर्थन:
गुंटूर स्थित कोनेरू लक्ष्मैया यूनिवर्सिटी को PURSE के अंतर्गत ₹3.45 करोड़ के अनुदान से अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें अटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप, आरएफ स्पटरिंग मशीन, हाई प्रिसिशन इंकजेट प्रिंटर, आदि शामिल हैं।
तिरुपति की श्री वेंकटेश्वर नर्सिंग कॉलेज को CURIE योजना के तहत ₹0.42 करोड़ की मदद दी गई, जिसके तहत वेंटिलेटर, ईसीजी मशीन, यूएसजी मैमोग्राम, एंबू बैग, कार्डियक मॉनिटर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
नवाचार को बढ़ावा देने के लिए NIDHI-iTBI और TTI पहल:
‘विज्ञान धारा’ के तहत नवाचार और स्टार्टअप को सशक्त करने के लिए NIDHI-iTBI कार्यक्रम के अंतर्गत असम के NIT सिलचर और त्रिपुरा के NIT अगरतला में इनक्यूबेटर स्थापित किए गए हैं। साथ ही कृषि अवशेष प्रबंधन पर केंद्रित दो उत्कृष्टता केंद्र महाराष्ट्र के VNIT नागपुर और पंजाब के चितकारा यूनिवर्सिटी में खोले गए हैं।
सरकार का उद्देश्य:
केंद्र सरकार का उद्देश्य विज्ञान के क्षेत्र में समान, समावेशी और प्रतिस्पर्धी विकास सुनिश्चित करना है। यही कारण है कि 2022 में PURSE योजना के तहत एक विशेष कॉल के माध्यम से कम प्रतिनिधित्व वाले राज्यों को प्राथमिकता दी गई, ताकि वहां के विश्वविद्यालयों और संस्थानों को भी वैश्विक स्तर की वैज्ञानिक सुविधाएं मिल सकें।
यह जानकारी प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा आज जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में साझा की गई है। इससे स्पष्ट है कि ‘विज्ञान धारा’ योजना भारत में वैज्ञानिक नवाचार के आधारभूत ढांचे को मजबूती देने की एक ठोस राष्ट्रीय पहल बन चुकी है।