18 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने देश के 200 से अधिक ज़िलों में SC/ST उत्पीड़न मामलों की सुनवाई हेतु विशेष अदालतें स्थापित करने की घोषणा की। इसका उद्देश्य दोषमुक्ति की उच्च दर और सुनवाई में देरी को कम करना था। न्याय विभाग और राज्य सरकारें इस पहल को सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम बता रही हैं। इसके अंतर्गत सुगम सुनवाई, पीड़ितों की सुरक्षा, और कार्यवाही में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई।
