दिल्ली 11 अक्टूबर 2025
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी, जिसमें बच्चों की मृत्युओं से जुड़ी खांसी-सीरप की घटनाओं की CBI जांच और दवाओं की सुरक्षा समीक्षा की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि आवेदनकर्ता के दावे पत्रकार रिपोर्ट्स पर आधारित हैं, और हमें भरोसा है कि राज्य और नियामक एजेंसियाँ पहले ही उचित कदम उठा रही हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उसने कितनी PILs सुप्रीम कोर्ट में दायर की हैं — जब जानकारी मिली कि वह पहले भी आठ-दस याचिकाएँ ला चुका है, कोर्ट ने वर्तमान याचिका को बिना और सुनवाई के ही खारिज कर दिया।
मामला मध्य प्रदेश और राजस्थान में उन बच्चों की मौतों से जुड़ा है, जिन पर आरोप है कि वे विषैले खांसी-सीरप (जैसे Coldrif) सेवन करने के कारण गुर्दे की विफलता का शिकार हुए।
आलोचकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस जघन्य मामले में जनहित रक्षा की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है। उन्होंने कहा — जब मौतें हो रही हों और राज्य एजेंसियाँ दोषियों की पहचान नहीं कर पाईं हों, तब उच्च न्यायालय को क्रियाशील भूमिका लेनी चाहिए थी।
लेकिन अब स्थिति यह है कि आगे की कार्रवाई राज्य सरकारों, ड्रग कंट्रोलर और स्वास्थ्य विभागों पर निर्भर हो गई है। क्या ये एजेंसियाँ इस घोर कांड में ठीक से जांच करेंगी, और दोषियों को सजा दिलाएंगी? जनता की निगाह अब उनके ऊपर है।