नई दिल्ली, 6 अगस्त 2025:
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज को रिटायरमेंट तक किसी भी आपराधिक मामले की सुनवाई से रोक दिया। इस निर्णय के पीछे इलाहाबाद हाई कोर्ट के उसी जज द्वारा एक दीवानी मामले में आपराधिक कार्यवाही की अनुमति देना था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने न्याय का मजाक उड़ाने वाला बताया।
जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने इस आदेश को अब तक का सबसे खराब और त्रुटिपूर्ण कहा। उन्होंने कहा कि यह न केवल न्यायपालिका की गरिमा के लिए नुकसानदेह है, बल्कि इससे न्याय प्रणाली में गंभीर समस्या का पता चलता है।
मामला एक वाणिज्यिक विवाद से जुड़ा था, जिसमें शिकायतकर्ता ने एक कंपनी से 52.34 लाख रुपये की राशि की वसूली के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। हाई कोर्ट ने दीवानी प्रकृति के मामले में आपराधिक कार्रवाई की अनुमति दी, जो सुप्रीम कोर्ट की सख्त नाराजगी का कारण बनी।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दीवानी मामलों में आपराधिक कार्रवाई का सहारा लेना कानून का दुरुपयोग है, और ऐसे आदेश भारतीय न्यायपालिका के लिए शर्मनाक हैं।