भोपाल / नई दिल्ली 16 अक्टूबर 2025
मध्य प्रदेश के मंदसौर से एक बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के चार पदाधिकारी एक सरकारी कॉलेज में कपड़े बदलती छात्राओं का चोरी-छिपे वीडियो बनाते हुए पकड़े गए हैं।
CCTV में कैद हुई घिनौनी करतूत
घटना का खुलासा तब हुआ जब कॉलेज परिसर में लगे CCTV कैमरे में यह शर्मनाक हरकत रिकॉर्ड हो गई। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि संबंधित छात्र संगठन के पदाधिकारी चोरी-छिपे मोबाइल कैमरे से छात्राओं की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे। जैसे ही कॉलेज प्रशासन को यह जानकारी मिली, तत्काल कार्रवाई की मांग तेज़ हो गई।
BJP के चाल, चरित्र और चेहरे पर सवाल
यह घटना उस पार्टी के दावों पर बड़ा सवाल उठाती है जो देशभर में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा देती है और महिलाओं के सम्मान की बात करती है। मगर जमीनी हकीकत यह है कि इन्हीं के लोग महिलाओं की अस्मिता को तार-तार करने में लगे हुए हैं। मंदसौर की यह घटना सिर्फ एक कॉलेज की बात नहीं है, बल्कि यह उस दोहरे चरित्र का प्रतीक है जहाँ मंच से नैतिकता की बातें और ज़मीन पर घृणित कृत्य — दोनों साथ चल रहे हैं।
महिलाओं में गुस्सा, कार्रवाई की मांग तेज़
कॉलेज की छात्राओं और स्थानीय संगठनों ने इस कांड पर कड़ी नाराज़गी जताई है। “BJP से बेटी बचाओ” का नारा सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा है। छात्राओं ने कहा कि ऐसी घटनाएँ भय और असुरक्षा का माहौल पैदा करती हैं, और यदि सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रशासन और सरकार की चुप्पी पर सवाल
अब तक स्थानीय प्रशासन या BJP नेताओं की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है। जनता यह सवाल पूछ रही है कि क्या महिला सुरक्षा और सम्मान केवल चुनावी भाषणों तक सीमित रह गया है? यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि अगर ऐसे लोग “संस्कार” सिखाने वाले संगठन चला रहे हैं, तो बेटियों को सबसे ज़्यादा खतरा कहाँ से है — बाहर से या भीतर से?
“बेटी बचाओ” अब नारा नहीं, जन आंदोलन बनना चाहिए — क्योंकि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएँ, तो समाज को जागना ही पड़ेगा।