इस्लामाबाद / रियाद 4 अक्टूबर 2025
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक नए डिजिटल अध्याय की शुरुआत करने की तैयारी कर ली है। IT मंत्री शाज़ा फातिमा ख्वाजा ने रियाद में सऊदी टेलीकॉम कंपनी (STC) के अधिकारियों से बातचीत की, जिसमें दोनों देशों ने डिजिटल अवसंरचना और सेवाओं में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। यह कदम दोनों देशों की पारंपरिक साझेदारी को तकनीकी मोड़ देने की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
बैठक के दौरान “Connect Pakistan 2030” नीति को विशेष संदर्भ के रूप में पेश किया गया, जिसके अंतर्गत फाइबर नेटवर्क, क्लाउड, साइबर सुरक्षा और फिनटेक (FinTech) जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया गया। पाकिस्तानी पक्ष ने यह भी रेखांकित किया कि देश की लगभग $3.8 बिलियन की IT निर्यात क्षमता और दो सौ मिलियन मोबाइल उपयोगकर्ता निवेशकों को आकर्षित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
साथ ही, दोनों देश सबमरीन केबलों, डाटा हब्स और डिजिटल कनेक्टिविटी कॉरिडोर्स के निर्माण की संभावनाओं पर भी चर्चा कर रहे हैं, ताकि पाकिस्तानी भूभाग को एक क्षेत्रीय “डाटा ट्रांज़िट हब” के रूप में स्थापित किया जा सके।
यह साझेदारी केवल तकनीकी सहयोग तक सीमित नहीं रह जाएगी — यह आर्थिक और सामरिक स्तर पर भी पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच संबंधों को नए आयाम दे सकती है। दोनों देशों ने पहले ही कई क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें रक्षा समझौते भी शामिल हैं, ताकि आपसी रणनीतिक मजबूती बढ़ सके।
इसका महत्व और संभावित चुनौतियाँ
यह पहल सऊदी अरब की Vision 2030 तकनीकी और डिजिटल आकांक्षाओं से मेल खाती है, जिसमें प्रौद्योगिकी और नवाचार को आर्थिक विविधीकरण का आधार बनाया गया है। STC, जो सऊदी की प्रमुख दूरसंचार कंपनी है, इस डिजिटल बदलाव में केंद्रीय भूमिका निभाने को तैयार है।
लेकिन इस योजना को लागू करना आसान नहीं होगा। पाकिस्तानी पक्ष को कच्चे अवसंरचना सुधार, नियामक समन्वय, डेटा सुरक्षा और साइबर खतरों के प्रबंधन जैसे जटिल मुद्दों से निपटना होगा। इसके अलावा, दोनों देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह सहयोग दोनों पक्षों के लिए व्यापारिक लाभ और तकनीकी सशक्तिकरण लाए।