इस्लामी दुनिया के सबसे पवित्र तीर्थस्थल मक्का और मदीना के दरवाजे अब पहले से कहीं ज़्यादा खुले हैं। सऊदी अरब सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि अब सभी वीज़ा धारक — चाहे वे टूरिस्ट, बिज़नेस, या ट्रांज़िट वीज़ा पर हों — उमरा (छोटी हज यात्रा) कर सकेंगे। यह निर्णय किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MbS) के नेतृत्व में चल रहे व्यापक “Vision 2030 Religious Reforms” का हिस्सा है, जो देश के धार्मिक पर्यटन और वैश्विक आतिथ्य क्षेत्र को नया आकार देने की दिशा में उठाया गया कदम है।
अब हर मुसलमान के लिए खुला पवित्र सफर — ‘उमरा’ के दरवाज़े सबके लिए समान
पहले उमरा केवल विशेष धार्मिक वीज़ा (Umrah Visa) धारकों के लिए ही संभव था। यात्री को वीज़ा प्राप्त करने के लिए कठोर औपचारिकताएँ और सीमित समयावधि की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। लेकिन अब सऊदी सरकार ने यह व्यवस्था समाप्त कर दी है। नए नियमों के तहत जिस किसी के पास भी सऊदी अरब का कोई वैध वीज़ा है — चाहे वह टूरिस्ट वीज़ा हो, व्यापारिक वीज़ा हो या यहां तक कि स्टॉपओवर वीज़ा — वह मक्का जाकर उमरा कर सकता है। यह कदम न केवल धार्मिक दृष्टि से क्रांतिकारी है, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सऊदी पर्यटन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह निर्णय “इस्लामी एकता और वैश्विक मेहमाननवाजी” की दिशा में सऊदी अरब की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। “हम हर मुसलमान को मक्का और मदीना के आशीर्वाद से जोड़ना चाहते हैं, चाहे वह किसी भी देश से आए और किसी भी वीज़ा श्रेणी में हो,” — अधिकारी ने कहा।
‘Vision 2030’ के तहत तीर्थ को बनाया जा रहा है विश्व स्तरीय अनुभव
सऊदी अरब का Vision 2030 अब सिर्फ आर्थिक विकास का नहीं बल्कि धार्मिक पर्यटन के पुनर्गठन का भी खाका बन चुका है। इस योजना के तहत देश का लक्ष्य है कि 2030 तक हर वर्ष 30 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों को उमरा और हज के लिए आमंत्रित किया जाए, जो वर्तमान औसत का लगभग दोगुना है। इसके लिए सऊदी अरब ने मक्का, मदीना और जेद्दा में भारी निवेश कर नई अवसंरचनाओं, स्मार्ट सेवाओं और डिजिटल सुविधाओं की शुरुआत की है। “नुसुक” (Nusuk) नामक आधिकारिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म अब तीर्थ यात्रियों को वीज़ा आवेदन, होटल बुकिंग, परिवहन, और मस्जिद-ए-हरम में प्रवेश तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध कराता है। इस डिजिटल क्रांति से उमरा अब सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आसान, तेज़ और सम्मानजनक अनुभव बनता जा रहा है।
महिलाओं और परिवारों के लिए भी नई स्वतंत्रता — बिना ‘मह्रम’ के यात्रा की अनुमति
इस सुधार का एक और ऐतिहासिक पहलू है महिलाओं के लिए दी गई स्वतंत्र यात्रा अनुमति। अब महिलाएं उमरा के लिए मह्रम (पुरुष संरक्षक) के बिना भी यात्रा कर सकती हैं। यह सऊदी समाज में सामाजिक सुधारों की गहराई को दिखाता है, जहां अब धर्म, प्रगति और समानता को संतुलित किया जा रहा है। यह बदलाव महिलाओं को न केवल धार्मिक अवसरों से जोड़ रहा है बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से अधिक सशक्त बना रहा है। सऊदी अधिकारियों के मुताबिक, अब तक लाखों महिलाएं दुनिया भर से ई-वीज़ा और टूरिस्ट वीज़ा के माध्यम से मक्का और मदीना पहुंच चुकी हैं। यह उन परंपरागत सीमाओं को तोड़ता है, जो कभी धार्मिक यात्राओं में महिलाओं की भागीदारी को सीमित करती थीं।
आर्थिक दृष्टि से बड़ा कदम — धार्मिक पर्यटन से नई ऊर्जा
सऊदी अरब का यह निर्णय धार्मिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही आर्थिक दृष्टि से भी रणनीतिक है।तेल से परे जाकर देश अब ‘धार्मिक पर्यटन’ को नया विकास इंजन बना रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, उमरा यात्रियों की संख्या बढ़ने से आने वाले वर्षों में सऊदी अरब की नॉन-ऑयल इकोनॉमी में लगभग $80 बिलियन का योगदान हो सकता है। मक्का और मदीना में होटल चेन, एयरलाइंस, टैक्सी सर्विस, और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़ रहे हैं। रियाद सरकार का अनुमान है कि इस फैसले से सीधे या परोक्ष रूप से 10 लाख से अधिक नई नौकरियां पैदा होंगी।
पर्यटकों के लिए आसान प्रक्रिया — 96 घंटे का स्टॉपओवर वीज़ा भी मान्य
सऊदी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो यात्री सऊदी एयरलाइंस या फ्लाईनास के माध्यम से ट्रांज़िट में हैं, वे भी 96 घंटे (चार दिन) के अंदर उमरा कर सकते हैं। यह सुविधा न केवल मुस्लिम यात्रियों के लिए बल्कि वैश्विक एयर कनेक्टिविटी के लिए भी वरदान है। अब सऊदी अरब खुद को सिर्फ हज-उमरा का केंद्र नहीं, बल्कि वैश्विक धार्मिक पर्यटन हब के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।

आस्था और आधुनिकता का संगम — “मक्का हर मुसलमान का दिल है”
यह सुधार सऊदी अरब की उस नई सोच का हिस्सा है, जो आस्था को आधुनिकता से जोड़ना चाहती है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हाल ही में कहा था, “मक्का और मदीना केवल अरब की पहचान नहीं, बल्कि पूरी उम्मत की आत्मा हैं।
हमारे सुधार इस आत्मा को दुनिया के हर मुसलमान के लिए सुलभ बनाना चाहते हैं।” मक्का में अब 24 घंटे संचालित होने वाली स्मार्ट सर्विसेज लागू हैं, जिनसे भीड़ नियंत्रण, हज कार्ड स्कैनिंग, और डिजिटल मार्गदर्शन को आसान बनाया गया है। यह सब सऊदी अरब के उस नए रूप का हिस्सा है — जो धर्म को बंदिशों से नहीं, बल्कि सुविधा, समानता और स्वागतभाव से जोड़ता है।
सऊदी अरब बदल रहा है — मक्का अब सबके लिए खुला है। यह निर्णय सऊदी अरब के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है। जहां पहले धर्म और वीज़ा की सीमाएँ हजारों मुसलमानों को उमरा से वंचित रखती थीं, वहीं अब हर वीज़ा, हर दिल, और हर मुसलमान के लिए मक्का के दरवाजे खुले हैं। यह कदम न केवल इस्लामी एकता की मिसाल है, यह दिखाता है कि सऊदी अरब अब 21वीं सदी के वैश्विक धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक सुधारों का केंद्र बनने की राह पर अग्रसर है।