कभी पूरी तरह तेल पर निर्भर रही सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था अब एक नये मोड़ पर खड़ी है — जहां “काला सोना” अब “हरा अवसर” बन रहा है। S&P Global Ratings की नवीनतम रिपोर्ट “From Oil To Opportunity: How Saudi Arabia Is Redefining Its Economy” बताती है कि सऊदी अरब अब दुनिया के उन देशों की सूची में शामिल हो रहा है जो संसाधन-निर्भरता से हटकर नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बदलाव केवल आर्थिक रणनीति नहीं, बल्कि एक नई राष्ट्रीय पहचान का निर्माण है, जिसका केंद्र है — Vision 2030.
तेल से परे सोच — Vision 2030 की नींव पर खड़ी नई सऊदी अर्थव्यवस्था
सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था लंबे समय तक कच्चे तेल के निर्यात पर आधारित रही है। राजस्व का लगभग 70% हिस्सा तेल से आता था, और वैश्विक बाजार की हलचलें देश की स्थिरता को प्रभावित करती थीं। लेकिन अब यह तस्वीर तेजी से बदल रही है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MbS) की Vision 2030 नीति के तहत सऊदी अरब ने एक महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू की है — “Oil to Opportunity”, यानी तेल से आगे बढ़कर विविध आर्थिक अवसरों की दिशा में।
इस योजना के तहत सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, टेक्नोलॉजी, नवीकरणीय ऊर्जा, और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व निवेश शुरू किया है। S&P की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बदलाव का उद्देश्य है तेल राजस्व पर निर्भरता घटाकर एक मजबूत, नवाचार-आधारित और निजी क्षेत्र केंद्रित अर्थव्यवस्था बनाना।
मेगा प्रोजेक्ट्स: NEOM, The Line, और Red Sea Initiative — भविष्य का ब्लूप्रिंट
रिपोर्ट में सऊदी अरब की उन परियोजनाओं का विस्तृत उल्लेख है जो इस परिवर्तन के प्रतीक बन चुकी हैं। सबसे प्रमुख है NEOM City, जो $500 बिलियन से अधिक की लागत वाली एक भविष्यवादी स्मार्ट सिटी है — जहाँ पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित जीवनशैली होगी।
NEOM का एक हिस्सा “The Line” कहलाता है — एक 170 किमी लंबा रैखिक शहर जिसमें शून्य कार्बन उत्सर्जन, उड़ती ट्रांसपोर्ट प्रणालियाँ और AI-नियंत्रित शहरी ढांचा होगा। इसके अलावा Red Sea Global Project, Qiddiya Entertainment City, और Diriyah Gate Development जैसी परियोजनाएँ यह दर्शाती हैं कि सऊदी अरब अब खुद को सिर्फ ऊर्जा आपूर्तिकर्ता नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहता है। S&P की रिपोर्ट कहती है कि इन मेगा प्रोजेक्ट्स से न केवल विदेशी निवेश बढ़ेगा बल्कि 20 लाख से अधिक नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, जिनमें 50% से ज्यादा निजी क्षेत्र में होंगी।
नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रीन ट्रांजिशन — “Desert to Green Economy” का नया मॉडल
S&P Global Ratings का विशेष ध्यान सऊदी अरब के ग्रीन एनर्जी मिशन पर है। देश ने 2060 तक “नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन” का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सौर, पवन और हाइड्रोजन ऊर्जा परियोजनाओं में अरबों डॉलर का निवेश हो रहा है। सऊदी की ACWA Power और Saudi Green Initiative मिलकर 2030 तक देश की 50% बिजली नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने की दिशा में काम कर रही हैं। यह बदलाव इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि जो देश कभी तेल उत्पादन के कारण “कार्बन उत्सर्जन” का प्रतीक था, वही अब “ग्रीन एनर्जी इनोवेशन” का केंद्र बन रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब अगले दशक में विश्व का सबसे बड़ा हाइड्रोजन निर्यातक बन सकता है — जो एशिया और यूरोप दोनों के लिए एक नया ऊर्जा सहयोग मॉडल देगा।
निजी क्षेत्र और विदेशी निवेश का विस्फोट — नया आर्थिक इंजन
तेल राजस्व की जगह अब सऊदी अरब निजी निवेश और स्टार्टअप संस्कृति को नई ऊर्जा दे रहा है। रिपोर्ट बताती है कि 2016 के मुकाबले 2024 में देश में विदेशी निवेश (FDI) में 300% की वृद्धि हुई है। रियाद, जेद्दा और दमाम जैसे शहरों में टेक्नोलॉजी, हेल्थ-टेक, फिनटेक और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए इनोवेशन जोन बनाए जा रहे हैं। S&P का कहना है कि सऊदी सरकार अब सिर्फ “पब्लिक वेलफेयर प्रोवाइडर” नहीं, बल्कि “इंवेस्टर नेशन” बनने की राह पर है। इसका संकेत Public Investment Fund (PIF) के बढ़ते प्रभाव से भी मिलता है — जो अब $800 बिलियन से अधिक की संपत्तियों का मालिक है और दुनिया भर में निवेश कर रहा है।
सामाजिक बदलाव भी साथ-साथ — महिलाओं और युवाओं को केंद्र में रखकर नए अवसर
आर्थिक बदलाव के साथ-साथ सऊदी अरब सामाजिक रूप से भी एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है। महिलाओं को अब न केवल काम करने की आज़ादी है बल्कि नेतृत्व पदों पर भी अवसर मिल रहे हैं। 2018 से अब तक देश में महिला श्रम भागीदारी 22% से बढ़कर 37% हो चुकी है। युवाओं के लिए “Saudi Future Skills Program” शुरू किया गया है ताकि नई अर्थव्यवस्था में स्थानीय प्रतिभा को तैयार किया जा सके।S&P की रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि यह बदलाव केवल आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक और सांस्कृतिक क्रांति का भी संकेत है।
चुनौतियां बरकरार — तेल बाजार की अस्थिरता और आर्थिक विविधता की परीक्षा
हालांकि रिपोर्ट यह भी स्वीकार करती है कि यह यात्रा आसान नहीं होगी। तेल बाजार की अनिश्चितता, वैश्विक मंदी, और निवेश परियोजनाओं के अमल में देरी जैसी चुनौतियां अब भी मौजूद हैं। कई विश्लेषक यह भी मानते हैं कि सऊदी की अर्थव्यवस्था अभी भी राजकोषीय अनुशासन पर निर्भर है और Vision 2030 को सफल बनाने के लिए सरकार को वास्तविक संस्थागत सुधार करने होंगे। फिर भी, S&P का निष्कर्ष स्पष्ट है — “सऊदी अरब अब सिर्फ एक तेल अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि भविष्य की ऊर्जा और नवाचार की प्रयोगशाला बन चुका है।”
रेत से रेनबो तक — सऊदी अरब की नई कहानी
तेल के सागर से उठकर तकनीक, पर्यटन और हरित ऊर्जा की दिशा में बढ़ता सऊदी अरब आज दुनिया के लिए एक आर्थिक पुनर्जागरण का उदाहरण बन गया है। यह वही देश है जो कभी वैश्विक ऊर्जा की धड़कन था, और अब नए विश्व आर्थिक संतुलन का वास्तुकार बन रहा है। S&P Global Ratings की रिपोर्ट एक बात स्पष्ट करती है — तेल खत्म हो सकता है, लेकिन अवसरों का भंडार नहीं। सऊदी अरब ने साबित कर दिया है कि अगर नीयत विकास की हो और दृष्टि स्पष्ट हो, तो रेगिस्तान भी भविष्य की राजधानी बन सकता है।