रियाद, 13 अक्टूबर 2025
सऊदी अरब ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। देश की प्रमुख कंपनी अल यमामाह स्टील इंडस्ट्रीज़ ने यांबू औद्योगिक शहर में अपनी नई विंड टॉवर फैक्ट्री का संचालन शुरू कर दिया है। इस फैक्ट्री में अब ऐसे इस्पात टॉवर बनाए जाएंगे जो पवन चक्कियों (विंड टरबाइन) में इस्तेमाल होंगे।
यह परियोजना सऊदी विज़न 2030 का हिस्सा है, जिसका मकसद देश को तेल पर निर्भरता से बाहर निकालकर स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ाना है। इस फैक्ट्री की सालाना क्षमता 50,000 टन तक है, जिसमें 130 मीटर ऊंचे टॉवर बनाए जाएंगे — यानी इतनी ऊंचाई जितनी 40 मंज़िला इमारत की होती है।
ऊर्जा मंत्री अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान ने फैक्ट्री के उद्घाटन के मौके पर कहा कि “यह सऊदी के लिए नई दिशा है — हम अब न केवल ऊर्जा के उपभोक्ता हैं, बल्कि उसके उपकरण बनाने वाले देश भी बन रहे हैं।” फैक्ट्री ने पहले ही दो बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए करार किए हैं। अल घट पवन परियोजना, जिसकी कीमत 35.7 मिलियन सऊदी रियाल है, और वाद अल-शमाल प्रोजेक्ट, जिसकी कीमत 33 मिलियन रियाल है।
इन दोनों प्रोजेक्ट्स के जरिए सऊदी अरब आने वाले समय में स्थानीय उत्पादन और रोजगार दोनों को बढ़ावा देगा।सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में देश की 50% बिजली स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से आए। इस दिशा में यह विंड टॉवर फैक्ट्री एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।
साधारण शब्दों में कहा जाए, तो यह फैक्ट्री दिखाती है कि सऊदी अरब अब सिर्फ तेल का देश नहीं, बल्कि हरित ऊर्जा का नेता बनना चाहता है। यह नई शुरुआत सऊदी के आत्मनिर्भर और पर्यावरण-हितैषी भविष्य की दिशा में बड़ा कदम है।