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कीव पर रूस का कहर: 629 एयरस्ट्राइक और हाइपरसोनिक मिसाइलें, जिंदा जल उठा शहर, भयानक तबाही

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मॉस्को 28 अगस्त 2025

रात के सन्नाटे को तहस-नहस कर देने वाला रूस का यह हमला उसकी सबसे बड़ी सैन्य आक्रामकता और क्रूरता का जीता जागता प्रमाण है। लगभग 629 एयरस्ट्राइक और ड्रोन हमलों की सौगात लेकर रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर ऐसे निशाने साधे कि पूरा शहर एक नरक में तब्दील हो गया। इस हमले में दो हाइपरसोनिक किंझल मिसाइलें भी शामिल थीं, जिनका रॉकेट विज्ञान में अजेय माना जाने वाला तकनीक नेविगेट करती हैं, जिससे इनके टूटने या रुकने की कोई गुंजाइश न के बराबर होती है। यह हमला न केवल एक सैन्य कार्रवाई बल्कि रूस की उस जिद का प्रतीक है, जिसने मानवीय जीवन की कीमत को तार-तार कर दिया।

रूस ने इस तांडव में कुल 598 ड्रोन और 31 मिसाइलें दागीं, जिनमें 9 बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल हैं। यूक्रेनी वायु रक्षा बलों ने करीब 563 ड्रोन और 26 मिसाइलें रोकने का दावा किया, लेकिन 41 हथियारों ने अपना विनाशकारी काम कर दिया। शहर के कम से कम 20 जिलों में हमले की विभीषिका महसूस की गई, जहां शॉपिंग मॉल और कई आवासीय इमारतें तबाह हो गईं, हजारों की संख्या में खिड़कियां टूट गईं, और लोग भरे-पूरे घरों में दहशत और मलबे के नीचे दबे रहे।

इस हमले में अब तक कम से कम 14 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं, जबकि सैकड़ों नागरिक घायल हैं। बचाव अभियान अभी भी जारी है, और मलबे में फंसे और घायल लोगों को निकालने के लिए बचाव दल दिन रात काम कर रहे हैं। यह हमलोगों के प्रति रूस की निष्ठुरता और मानवता की बेरहमी का कालिखा चित्र है। कीव के मेयर विटाली क्लिचको ने इसे एक “महान और भयानक हमला” बताया है, जिसने शहर को तहस-नहस किया है।

राजनीतिक मोर्चे पर इस हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस की इस क्रूरता की कड़ी निंदा की है और इसे मानवता के खिलाफ एक हमले के रूप में बताया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि रूस की इस घोर हिंसा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। साथ ही, उन्होंने कहा है कि रूस को स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि अगर उसने युद्ध को जारी रखा तो उसे और भी भयंकर परिणाम भुगतने होंगे।

रूस ने खुद मोहिम के बाद दावा किया कि उसने अधिकतर ड्रोन और कई मिसाइलें मार गिराईं और यूक्रेन के रणनीतिक महत्व के तेल रिफाइनरी केंद्रों को भी निशाना बनाया। किंझल जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि रूस इस युद्घ में अपनी सैन्य तकनीक और ताकत दिखाने पर कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। किंझल मिसाइल रॉकेट टेक्नोलॉजी का अजूबा है, जिसे रोक पाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि यह बहुत तेज गति से उड़ती है और अधिकतम विनाश क्षमता रखती है।

युद्ध की यह भयंकर रंजीश रूसी नेतृत्व की राजनीतिक मजबूरी और उस जिद को दर्शाती है, जो मनुष्यों के जीवन और सुरक्षा की परवाह किए बिना अपने सैन्य और भू-राजनीतिक मकसदों को पूरा करना चाहता है। ऐसे में शांति की संभावना धुंधली नजर आ रही है, जबकि यूक्रेनी नागरिक इस नरसंहार के चपेट में बेबस से फंसे हैं।

यह हमले यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष के इस दौर का सबसे विनाशकारी मोड़ हैं, जो इस त्रासदी को एक नई ऊंचाई पर ले गया है। पूरी दुनिया की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि इस युद्ध का अंत कैसे होगा, और क्या कोई शक्तिशाली कूटनीतिक कदम इस मानव संहार को रोक पाएगा। फिलहाल, कीव की गली-गली में तबाही का मंजर है, जहाँ लोग अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और एक अंधकारमय युग का जन्म हो रहा है, जिसके अंत का नाम शांति होगा या और भी जघन्य हिंसा, यह वक्त ही बताएगा।

राष्ट्रों को चाहिए कि वे इस युद्ध को तुरंत रोकने के लिए दबाव बनाए और जल्द से जल्द मानवीय संकट को समाप्त करने के लिए प्रभावी प्रयास करें, वरना इस बड़े युद्ध ने मानवता को एक विनाश के कगार पर ला खड़ा किया है। रूस का यह हमला केवल कीव या यूक्रेन के लिए नहीं, बल्कि पूरी विश्व व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि हिंसा का कोई अंत नहीं होगा, जब तक सभी पक्ष शांति की दिशा में सच्चे मन से काम नहीं करते।

 

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