पटना,
7 अगस्त 2025
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार की धरती से एक नई राजनीतिक पहल करने जा रहे हैं। ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ नाम की यह यात्रा सासाराम से प्रारंभ होगी और राज्यभर में लोकतंत्र, समानता और जन-भागीदारी की चेतना फैलाने का प्रयास करेगी। इस यात्रा का उद्देश्य देशभर के मतदाताओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही यह यात्रा लोकतंत्र की मजबूती, सामाजिक न्याय की स्थापना और संविधान के मूल मूल्यों की पुनः स्थापना का संदेश भी देगी।
यात्रा की तैयारियों को लेकर कांग्रेस में खासी हलचल देखी जा रही है। पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने एक महत्त्वपूर्ण बैठक की, जिसमें राज्यस्तरीय वरिष्ठ नेताओं, मोर्चा संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस बैठक में यात्रा को ऐतिहासिक और जनसरोकारों से जुड़ा बनाने को लेकर गहन मंथन हुआ। नेताओं ने तय किया कि यात्रा को सफल बनाने के लिए घर-घर दस्तक दी जाएगी और युवाओं, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और पिछड़े वर्गों तक सीधे संवाद कायम किया जाएगा।
राजेश राम ने बैठक में स्पष्ट कहा कि यह यात्रा केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा को पुनर्जीवित करने का मिशन है। उन्होंने कहा कि जनता को यह बताना जरूरी है कि मत देने का अधिकार सिर्फ एक वोट डालने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह देश की दिशा तय करने वाला सबसे बड़ा औजार है। उन्होंने यह भी बताया कि इस यात्रा में ‘आईएनडीआईए’ गठबंधन के प्रमुख नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि विपक्ष की एकजुटता और वैकल्पिक राजनीति की ताकत लोगों के सामने आए।
कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि सभी साथी पूरे समर्पण और अनुशासन के साथ इस यात्रा को सफल बनाने में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि यह अभियान राहुल गांधी की सोच और देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने इसे ‘देश की आत्मा से संवाद’ बताया और भरोसा जताया कि बिहार की जनता इस यात्रा को वैसी ही ऐतिहासिक ऊंचाई देगी जैसी आज़ादी के संघर्ष में दी थी।
बैठक में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता—प्रभारी सुशील पासी, प्रेमचन्द्र मिश्रा, राजेश राठौर, भावना झा, अमिता भूषण, सत्येन्द्र बहादुर, जितेंद्र गुप्ता, ब्रजेश प्रसाद मुनन, अजय चौधरी, प्रवीण सिंह कुशवाहा, आनन्द माधव, ज्ञान रंजन और शरवत जहां फातमा सहित अन्य नेताओं ने अपने विचार साझा किए और यात्रा को जनांदोलन में तब्दील करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और रचनात्मक अभियानों की योजना पेश की।
कुल मिलाकर राहुल गांधी की यह ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ बिहार की राजनीतिक सरगर्मी को नई दिशा देने जा रही है। यह न केवल कांग्रेस की रणनीतिक पुनःस्थापना का प्रयास है, बल्कि विपक्ष के साझा मंच ‘आईएनडीआईए’ को भी जनमानस में सशक्त बनाने का एक निर्णायक प्रयास मानी जा रही है। बिहार, जो हमेशा आंदोलनों की जन्मभूमि रहा है, एक बार फिर लोकतंत्र की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है।