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पुजारी ने ब्लाउज में हाथ डाला”: मलेशियाई ब्यूटी क्वीन का आरोप, हंट ऑपरेशन अब तक नाकाम

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क्वालालंपुर, मलेशिया

16 जुलाई 2025 | 

ब्यूटी क्वीन का साहसिक खुलासा—मंदिर की दीवारों में छिपा शोषण

मलेशिया की चर्चित मॉडल और Miss Grand Malaysia 2021 की विजेता लिशालाईनी कनरन ने एक सोशल मीडिया वीडियो के जरिए बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि 21 जून को वे सेपांग के एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर गई थीं, जहाँ एक भारतीय मूल के पुजारी ने “आशीर्वाद” देने के नाम पर उनके ब्लाउज के अंदर हाथ डाला। लिशालाईनी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “उसने मेरे शरीर को छुआ, मैं घबरा गई और कुछ बोल नहीं पाई। मैं वहीं जम गई थी।” उनका यह बयान अब मलेशियाई मीडिया और अंतरराष्ट्रीय महिला संगठनों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

“ये कोई पवित्रता नहीं, ये पाप था”—शोषण को समझने का क्षण

ब्यूटी क्वीन ने बताया कि पुजारी ने शुरुआत में उसे विशेष जल पिलाया और यह कहकर छूना शुरू किया कि यह ‘दिव्य आशीर्वाद’ है। लेकिन जल्द ही उसने मर्यादा तोड़ते हुए यौन उत्पीड़न की हदें पार कीं। “उसने कहा—‘तुम्हें पुण्य मिलेगा अगर तुम कुछ नहीं कहोगी।’ मेरा शरीर समझ गया था कि ये गलत है, लेकिन मेरा दिमाग डर से सुन्न हो गया था,” लिशालाईनी ने लिखा।

FIR दर्ज, पुजारी लापता—पुलिस का मैनहंट अब तक असफल

इस खुलासे के बाद लिशालाईनी ने 4 जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन जब पुलिस मंदिर पहुँची, आरोपी पुजारी फरार हो चुका था। अब मलेशिया पुलिस ने देशभर में मैनहंट ऑपरेशन शुरू किया है, लेकिन 16 जुलाई तक उसकी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुजारी ने घटना के तुरंत बाद मंदिर छोड़ दिया और संभवतः किसी दूर-दराज़ क्षेत्र में छिपा है। मंदिर प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि कुछ चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की।

“मैं दोषी नहीं हूं”—लिशालाईनी की आवाज बन रही है आंदोलन

लिशालाईनी ने कहा, “मैंने शर्मिंदगी, डर और गुस्से के बीच यह तय किया कि चुप नहीं रहूंगी। ये मेरी नहीं, हम सभी लड़कियों की लड़ाई है।” उनका वीडियो अब तक लाखों बार देखा जा चुका है। महिला अधिकार संगठनों और आम जनता ने लिशालाईनी की बहादुरी को सलाम किया है, और पुजारी की गिरफ्तारी की मांग तेज़ कर दी है।

श्रद्धा की आड़ में अपराध, न्याय की उम्मीद बाकी

यह घटना सिर्फ एक महिला के साथ हुई छेड़छाड़ नहीं है, बल्कि यह धार्मिक संस्थानों में मौजूद पाखंड, पुरुषवादी सोच और असंवेदनशील प्रशासनिक रवैये को उजागर करती है। मंदिर जैसी जगहें जहां महिलाएं सुरक्षा और शांति की उम्मीद लेकर जाती हैं, वहां ऐसा शोषण पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न है। पूरा देश और विश्व यह देख रहा है कि क्या मलेशिया की न्याय व्यवस्था आरोपी को कानून के कटघरे में लाने में सफल होगी, या फिर यह मामला भी धूल में दबा दिया जाएगा।

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