तारीख: 12 जून 2025
मुंबई — भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में हाल ही में घटित कई युवा महिला कलाकारों की अकाल मृत्यु की घटनाओं ने पूरे देश को हिला दिया है। मात्र छह महीनों में 5 से अधिक महिला टीवी अभिनेत्रियों ने आत्महत्या की या संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी जान गंवाई है।
इन घटनाओं से पहले संबंधित कलाकारों द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई संवेदनशील और भावनात्मक पोस्ट्स ने मनोरंजन क्षेत्र में मौजूद गहरे मानसिक दबाव और अस्थिरता की ओर इशारा किया। कई कलाकारों ने काम की असुरक्षा, सामाजिक अपेक्षाओं और अवसाद के अनुभवों को छिपे-छिपे शब्दों में बयान किया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि इंडस्ट्री के संरचनात्मक दोषों से जुड़ी है। कॉन्ट्रैक्ट आधारित काम, अनियमित आय, सोशल मीडिया पर परफेक्ट दिखने का दबाव, और कार्यस्थल पर असहयोगी माहौल — यह सभी मिलकर मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग और अनेक सामाजिक संस्थाओं ने इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है और मनोरंजन उद्योग से जवाबदेही तय करने की मांग की है। कुछ प्रोडक्शन हाउसेज़ ने मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग और कार्यस्थल वेलनेस पॉलिसी की घोषणा की है, लेकिन इनकी प्रभावशीलता आने वाले महीनों में ही पता चलेगी।