दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर एक बार गंभीर श्रेणी में पहुँच गई है। सफर और CPCB द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का AQI 412 दर्ज किया गया जो श्वसन तंत्र के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। अस्पतालों में सांस और दिल की बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
प्रदूषण के प्रमुख कारणों में वाहनों की बढ़ती संख्या, निर्माण स्थलों की धूल, और पंजाब-हरियाणा से आने वाली पराली का धुआं शामिल है। गर्मी और कम हवा चलने के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में जमा हो जाते हैं, जिससे धुंध छाई रहती है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक साबित हो रही है।
दिल्ली सरकार ने कुछ इलाकों में स्कूलों को बंद करने और निर्माण कार्यों पर अस्थायी रोक लगाने का निर्देश दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल तात्कालिक समाधान हैं। दीर्घकालिक योजना के तहत सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना, हरित क्षेत्र बढ़ाना और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ करना ज़रूरी है।