गांधीनगर, 16 अक्टूबर 2025 | ब्यूरो रिपोर्ट
अचानक राजनीतिक घटनाक्रम से बढ़ी हलचल
गुजरात की राजनीति में सोमवार शाम बड़ा उलटफेर देखने को मिला जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर राज्य के सभी मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। इस अप्रत्याशित कदम ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी, बल्कि बीजेपी संगठन के भीतर भी नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
क्या है इस्तीफों के पीछे की वजह?
सूत्रों के अनुसार, मंत्रिपरिषद से इस्तीफे मुख्यमंत्री या सरकार के खिलाफ असंतोष के संकेत नहीं हैं, बल्कि यह ‘मंत्रिमंडल पुनर्गठन’ (Cabinet Reshuffle) की प्रक्रिया का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि बीजेपी हाईकमान ने 2026 विधानसभा चुनावों से पहले नई रणनीति और नए चेहरे लाने का निर्णय लिया है। पार्टी का लक्ष्य युवाओं, महिलाओं और पिछड़े वर्गों को अधिक प्रतिनिधित्व देना है।
नई टीम पर मंथन शुरू
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बीजेपी आलाकमान से परामर्श लेकर नई कैबिनेट की सूची तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इसमें प्रदर्शन, जनसंपर्क और संगठनात्मक मजबूती के आधार पर चयन किया जाएगा। कई पुराने मंत्रियों को संगठन में नई जिम्मेदारियाँ देने की भी संभावना है।
दिल्ली में सक्रिय हुआ बीजेपी नेतृत्व
इस घटनाक्रम के बाद दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में भी बैठकें तेज हो गई हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को स्थिति की पूरी जानकारी दी गई है। माना जा रहा है कि अगले 48 घंटे में नई कैबिनेट का ऐलान हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक जानकार इसे बीजेपी की “गुजरात मॉडल 2.0” रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिसमें पार्टी युवा नेतृत्व को उभारने और ताजगी का संदेश देने की कोशिश कर रही है। यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सीधी निगरानी में यह बदलाव किया जा रहा है ताकि आगामी चुनावों में कोई एंटी-इंकम्बेंसी फैक्टर न रह जाए।
जनता में उत्सुकता, विपक्ष हमलावर
वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे “बीजेपी सरकार की अस्थिरता” का प्रतीक बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का कहना है कि “अगर सरकार में सब कुछ ठीक था तो अचानक सभी मंत्रियों को हटाने की जरूरत क्यों पड़ी?”