मुंबई 13 अगस्त 2025
महाराष्ट्र में मीट बैन को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे के बाद अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी मीट बैन का विरोध किया है। उन्होंने इसे गलत बताते हुए कहा कि ऐसे फैसले लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करते हैं।
ओवैसी और आदित्य पहले ही कर चुके हैं हमला
मीट बैन लागू होने के बाद सबसे पहले ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि यह किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है और एक खास समुदाय को टारगेट करने की कोशिश है। वहीं आदित्य ठाकरे ने भी ट्वीट कर सरकार से सवाल पूछा कि क्या इस तरह के प्रतिबंध से समाज में विभाजन और नफरत को बढ़ावा नहीं मिलेगा?
अजित पवार ने दी अपनी राय
अजित पवार ने कहा, “मुझे लगता है कि सरकार को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सभी पक्षों से राय लेकर ही फैसला करना चाहिए। खाने-पीने की आदतें व्यक्ति की निजी पसंद होती हैं, और इसमें सरकारी दखल उचित नहीं है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह के बैन से समाज में अनावश्यक तनाव पैदा होता है।
सियासी हलचल तेज
मीट बैन के मुद्दे पर विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के नेताओं के बीच टकराव बढ़ रहा है। जहां कुछ नेता इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर सही ठहरा रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों पर हमला मान रहा है।
सरकार की सफाई
राज्य सरकार ने बैन को लेकर सफाई देते हुए कहा कि यह फैसला धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के सम्मान में लिया गया है। हालांकि, विरोध करने वाले नेताओं का कहना है कि इस तरह के फैसले लोकतांत्रिक समाज के लिए खतरनाक मिसाल साबित हो सकते हैं।
मीट बैन को लेकर अब यह मुद्दा न केवल सड़कों पर बल्कि विधानसभा और सोशल मीडिया पर भी गरमा गया है, और आने वाले दिनों में इसके और सियासी रंग लेने की संभावना है।