नई दिल्ली 9 सितम्बर 2025
भारत के पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता और उग्र प्रदर्शनों का दौर जारी है, जिसने क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर खतरे में डाल दिया है। नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद युवाओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिससे संसद तक आग लगाने और कई मंत्रियों के इस्तीफे हुए। इसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को भी इस्तीफा देना पड़ा, जिससे देश में राजनीतिक संकट चरम पर पहुंच गया है।
इसी प्रकार बांग्लादेश में सत्ता संघर्ष और बड़े स्तर के छात्र आंदोलन ने पिछले साल सरकार को गिराने पर मजबूर किया। अफगानिस्तान में तालिबान का नियंत्रण जारी है, जो मानवीय संकट और सुरक्षा चुनौतियों को बढ़ा रहा है। म्यांमार में सेना ने 2021 में तख्तापलट किया हुआ है और वहां गृहयुद्ध का दौर जारी है, जिससे भारत की पूर्वी सीमा पर अस्थिरता फैली हुई है।
भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति को इन देशों की अस्थिरता ने चुनौती दी है। पड़ोसी देशों की राजनीतिक हलचलों के कारण भारत की सुरक्षा, आर्थिक हित और क्षेत्रीय प्रभाव प्रभावित हो रहा है। चीन की बढ़ती पैठ भी इस स्थिति को जटिल बना रही है, क्योंकि कुछ पड़ोसी देश चीन की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। ऐसे में भारत को कूटनीति, सहयोग और विकास परियोजनाओं को गति देने की जरूरत है ताकि क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
इस राजनीतिक उथल-पुथल का असर न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, जहां लोकतंत्र, आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता के लिए यह बड़े संकट की घंटी है।