बिहार में कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर एक निर्णायक कार्रवाई देखने को मिली, जब राज्य पुलिस ने दो अलग-अलग मुठभेड़ों में तीन कुख्यात वांटेड अपराधियों को ढेर कर दिया। इनमें शामिल थे संगठित अपराध और हत्या के मामलों में वर्षों से फरार चल रहे आरोपी, जिनकी तलाश में पुलिस पहले से छापेमारी कर रही थी। इन मुठभेड़ों में एक पुलिस निरीक्षक भी घायल हुआ, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अपराधियों ने पूरी ताकत से मुकाबला किया, लेकिन पुलिस की रणनीतिक तैयारी और त्वरित कार्रवाई के आगे वे टिक नहीं पाए। ये मुठभेड़ें नालंदा और पश्चिम चंपारण जिलों में हुईं, जहां स्थानीय पुलिस और विशेष कार्यबल की संयुक्त टीम ने अभियान को अंजाम दिया। इस कार्रवाई से यह संदेश गया कि बिहार पुलिस अब संगठित अपराधियों को बख्शने के मूड में नहीं है और राज्य की कानून-व्यवस्था को हर हाल में नियंत्रित रखने के लिए वह तैयार है। इन घटनाओं ने न केवल जनता के बीच सुरक्षा का भरोसा बढ़ाया, बल्कि अपराधियों में भी डर पैदा किया। यह नई वर्ष की शुरुआत में राज्य सरकार की ‘Zero Tolerance against Crime’ नीति की एक सशक्त झलक मानी जा रही है।
