इलाहाबाद, 30 अगस्त 2025
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस और कानून-व्यवस्था पर एक अहम टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया कि पुलिस को नागरिकों की स्वतंत्रता और अधिकारों पर बेलगाम ताकत का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है। न्यायालय ने कहा कि कानून का उद्देश्य सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना है, न कि नागरिकों को डराने या उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने का।
नागरिकों की स्वतंत्रता पर जोर
हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि पुलिस किसी भी परिस्थिति में अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं कर सकती। न्यायालय ने कहा कि कानून का पालन करना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस का मुख्य कर्तव्य है, लेकिन उसके अधिकार सीमित और जिम्मेदार होने चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को उसके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करना कानूनी दृष्टि से गलत और अस्वीकार्य है।
सतर्कता और जवाबदेही का संदेश
हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस विभाग को यह निर्देश दिया कि अधिकारों की रक्षा और जनता के प्रति जवाबदेही बनाए रखना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि यदि पुलिस बेलगाम तरीके से शक्ति का प्रयोग करेगी, तो अदालत सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
न्यायपालिका का रुख और लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कई राज्यों में पुलिस के दुरुपयोग और नागरिकों की स्वतंत्रता पर प्रश्न उठ रहे हैं। हाईकोर्ट ने लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने रुख को स्पष्ट किया है। कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है, लेकिन उसके लिए नागरिकों के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता।