पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तापमान तेज़ हो गया है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्गापुर में जनसभा को संबोधित करते हुए न सिर्फ 5,400 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी, बल्कि ममता सरकार पर तीखे राजनीतिक हमले भी बोले।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्गापुर अब केवल स्टील सिटी नहीं, बल्कि भारत की नई ऊर्जा और विकास राजधानी बनेगा। लेकिन इसी दौरान उन्होंने पलायन, बेरोजगारी और महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार “घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है और विकास में बाधा बन रही है।”
पीएम मोदी ने गैस बेस्ड अर्थव्यवस्था, रेलवे व एयर कनेक्टिविटी, और UDAN स्कीम के तहत एयरपोर्ट विस्तार जैसी परियोजनाओं को “विकसित भारत” की बुनियाद बताते हुए कहा कि बंगाल को इंजन बनाना है, लेकिन राज्य सरकार रुकावट पैदा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जब केंद्र विकास के पथ पर राज्य को जोड़ना चाहता है, तब ममता सरकार “राजनीतिक स्वार्थ” में रोड़े अटका रही है।
मोदी के इस दौरे को भाजपा के चुनावी शंखनाद के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने दुर्गापुर की जनसभा में यह साफ कर दिया कि अब बंगाल की जनता को “वोट बैंक की राजनीति” नहीं, बल्कि “विकास की राजनीति” चाहिए।
प्रधानमंत्री का यह तीखा और योजनाओं से भरपूर भाषण न केवल सरकार के कार्यों का लेखा-जोखा था, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की रणनीति का ऐलान भी। बंगाल की सियासत में हलचल तेज है, और 2026 का रण अब करीब आता दिख रहा है।