‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए भारत के बंटवारे की त्रासदी को याद किया। उन्होंने कहा कि यह दिन 1947 के विभाजन के दौरान लाखों लोगों द्वारा झेले गए दुख, पीड़ा और बलिदान को स्मरण करने का अवसर है। PM मोदी ने उन लोगों के साहस और आत्मबल को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने अकल्पनीय कष्टों के बाद भी नई शुरुआत की और असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं।
PM मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “भारत आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के माध्यम से देश के बंटवारे की त्रासदी को याद कर रहा है। यह हमारे इतिहास के उस दुखद अध्याय को स्मरण करने का दिन है, जब असंख्य लोगों ने अपने घर, परिवार और सपने खो दिए। यह दिन हमें उन लोगों के साहस को सम्मान देने का भी अवसर देता है, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने जीवन को फिर से संवारा।”
एकता और सौहार्द का आह्वान
PM मोदी ने इस दिन को देश की एकता और सौहार्द को मजबूत करने की जिम्मेदारी के रूप में भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें उस एकता और सौहार्द की भावना को बनाए रखना है, जो भारत को एक सूत्र में बांधे रखती है। यह दिन हमें नफरत और विभेद से दूर रहकर देश की प्रगति के लिए एकजुट होने की प्रेरणा देता है।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर #PartitionHorrorsRemembranceDay ट्रेंड करने लगा। कई यूजर्स ने PM के संदेश का समर्थन करते हुए लिखा, “विभाजन की त्रासदी को याद करना जरूरी है, ताकि हम इतिहास से सबक लें और एकता को मजबूत करें।” बीजेपी ने दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में मौन मार्च रखा है। इस बीच एक अन्य यूजर ने लिखा, “PM मोदी का यह संदेश हमें हमारे पूर्वजों के बलिदान को सम्मान देने और देश को एकजुट रखने की प्रेरणा देता है।” हालांकि, कुछ यूजर्स ने इस अवसर को राजनीतिक रंग देने की कोशिशों पर सवाल भी उठाए।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का महत्व
2019 में भारत सरकार ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में घोषित किया था, ताकि 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे की त्रासदी को याद किया जाए। इस दौरान लाखों लोग विस्थापित हुए, हजारों ने अपनी जान गंवाई, और अनगिनत परिवार बिछड़ गए। इस दिन को मनाने का उद्देश्य न केवल उस दुखद इतिहास को याद करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
देश भर में आयोजन
इस अवसर पर देश भर में कई स्थानों पर प्रदर्शनियां, सेमिनार और स्मृति सभाएं आयोजित की गईं। दिल्ली में एक विशेष प्रदर्शनी में विभाजन के दौरान विस्थापित हुए लोगों की कहानियों, तस्वीरों और दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया। कई स्कूलों और कॉलेजों में भी इस दिन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संदेश न केवल विभाजन की त्रासदी को याद करने का एक प्रयास है, बल्कि देशवासियों को एकता, सौहार्द और साझा भविष्य की दिशा में प्रेरित करने का भी आह्वान है। यह दिन हमें इतिहास के उन काले पन्नों से सबक लेने और भारत को एक मजबूत, एकजुट राष्ट्र बनाने की प्रेरणा देता है।