मुंबई, जुहू और अलीबाग जैसे समुद्र तटों पर रोजाना हजारों टन प्लास्टिक का कचरा जमा हो रहा है, जिससे समुद्री पारिस्थितिकी पर खतरा मंडरा रहा है। सबसे ज्यादा समस्या पॉलीथीन बैग, बोतलें, फोम और सिंगल यूज़ प्लास्टिक की है, जो जल जीवन के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं।
समुद्री जीव जैसे डॉल्फिन, कछुए, और मछलियाँ इन प्लास्टिक वस्तुओं को निगल जाते हैं, जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। स्थानीय मछुआरे भी अब समुद्र में जाल डालने से डरते हैं क्योंकि उसमें मछली की जगह कचरा फंसता है। इससे उनका जीवन यापन और जीविका संकट में पड़ रही है।
राज्य सरकार ने ‘स्वच्छ समुद्र अभियान’ के अंतर्गत सफाई कार्य शुरू किए हैं और तटीय क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिन पर्यावरणविदों का कहना है कि जब तक प्लास्टिक निर्माण और उपभोग पर नियंत्रण नहीं होगा, तब तक यह संकट गंभीर रूप लेता रहेगा।