पटना, बिहार
4 अगस्त 2025
महज दो महीने पहले भव्य उद्घाटन के साथ जनता को समर्पित पटना का 422 करोड़ रुपये की लागत से बना डबल डेकर फ्लाईओवर अब सवालों के घेरे में है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में पुल का एक हिस्सा धंसा हुआ नजर आ रहा है, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
हालांकि, बिहार सड़क निर्माण विभाग ने इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि “यह कोई संरचनात्मक क्षति नहीं है, बल्कि भारी बारिश के कारण बिटुमिनस लेयर (ऊपरी सतह की डामर परत) में हल्का फिसलाव हुआ है।” विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि “पुल पूरी तरह से सुरक्षित है और मरम्मत का काम तेजी से किया जा रहा है।”
राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने कहा, “धंसी हुई सतह सिर्फ ऊपरी परत में अस्थायी क्षति है। पुल की संरचना मजबूत है और यातायात में कोई खतरा नहीं है।”
यह 2.2 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर गांधी मैदान के पास कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक फैला हुआ है और इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जून 2025 में किया था। इस फ्लाईओवर को राज्य का पहला दो अलग-अलग एकतरफा लेन वाला पुल बताया गया था। इसके ज़रिए अशोक राजपथ जैसे व्यस्त मार्गों पर यातायात दबाव कम करने और गांधी सेतु, कृष्णा घाट, एनआईटी, पीएमसीएच, मेट्रो स्टेशनों से बेहतर संपर्क सुनिश्चित करने का दावा किया गया था।
हालांकि, उद्घाटन के कुछ ही हफ्तों बाद निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर संदेह खड़ा होना बिहार सरकार की साख और परियोजना निगरानी तंत्र की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। इससे पहले भी राज्य में कई पुल उद्घाटन के तुरंत बाद ढह चुके हैं, जिसके चलते जनता और विपक्ष का गुस्सा दोनों तेज़ है।
विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि “यह भ्रष्टाचार और लापरवाही का परिणाम है। जनता के टैक्स के पैसे से बना पुल दो महीने में ही समस्याग्रस्त कैसे हो सकता है?” विभाग ने जांच के आदेश तो दिए हैं लेकिन फिलहाल इसे “तत्काल सुधार योग्य तकनीकी खामी” करार देकर दबाने की कोशिश की जा रही है।
यह घटना न सिर्फ निर्माण कार्यों की निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि आने वाले समय में बिहार सरकार को जनता के भरोसे की परीक्षा भी देनी पड़ सकती है।