नई दिल्ली 4 अक्टूबर 2025
भारत ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि पाकिस्तान-नियंत्रित काश्मीर (PoK) में जारी विरोध-प्रदर्शनों और उनके दमन के दौरान हुई हिंसा और हत्याओं के पीछे पाकिस्तान की दमनकारी नीतियाँ जिम्मेदार हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इसे “भयानक मानवाधिकार उल्लंघन” करार दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने की अपील की है।
MEA के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने अपनी मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हाल ही में PoK में हुए दंगों और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस-सशस्त्र बलों की क्रूर कार्रवाई “पाकिस्तान की दमनकारी प्रवृत्ति का स्वाभाविक परिणाम” है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पाकिस्तान PoK संसाधनों की लूटपाट और शोषण की रणनीति को नियमित तौर पर अपनाता रहा है, और स्थानीय आबादी को उनके अधिकारों से वंचित करता आ रहा है।
भारत के अनुसार, PoK में विरोध-प्रदर्शन पिछले दिनों बढ़ रहे हैं, खासकर मुज़फ़्फराबाद, कोटली, नेलम घाटी और अन्य क्षेत्रों में, जहाँ स्थानीय लोग “मौलिक अधिकारों की मांग” के साथ सड़कों पर उतरे हैं। हिंसा के दौरान कम से कम 10 लोग मारे गए और अनेक लोग घायल हुए।
प्रदर्शनकारी यह आरोप लगा रहे हैं कि पाकिस्तान सरकार उन्हें राजनीतिक, संवैधानिक और संसदीय अधिकारों से वंचित रखती है, और PoK में उनके प्रतिनिधित्व को सीमित किया गया है।
इस बीच, विरोध प्रदर्शन कम नहीं हुए — पत्रकारों ने रिपोर्ट किया है कि इस प्रक्रिया में इस्लामाबाद में प्रेस क्लब पर छापा मारा गया और कई पत्रकारों के साथ मारपीट हुई, जिससे मामले और गंभीर हो गए।
भारत ने पाकिस्तान की दावेबाज़ी और मानवाधिकारों पर दरेदा आरोपों को भी आलोचना का निशाना बनाया है। भारत की दलील है कि पाकिस्तान खुद मानवाधिकारों की स्थिति में दोषी है, फिर भी वह दूसरी बातों पर मुंहमारा प्रदर्शन करता है। भारत ने यूएन मानवाधिकार परिषद के मंच पर भी पाकिस्तान की दोहरी भूमिका पर कटु व्यंग्य किया है।