पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक विवादित बयान देते हुए उन सभी पर सवाल उठाया है जो पहलगाम आतंकी हमले के लिए आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। डार ने न सिर्फ TRF के खिलाफ किसी भी आरोप को खारिज किया बल्कि इसके पक्ष में खड़े नजर आए। उन्होंने मीडिया से कहा, “अगर TRF जिम्मेदार है तो सबूत दिखाइए। बिना प्रमाण किसी पर इल्ज़ाम लगाना अनुचित है।”
डार का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत सरकार और खुफिया एजेंसियों ने पहलगाम हमले के पीछे TRF की संलिप्तता के ठोस संकेत दिए हैं। इस हमले में अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया गया था, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि डार का यह रुख न केवल पाकिस्तान की दोहरे रवैये को उजागर करता है, बल्कि यह TRF जैसे आतंकी संगठनों को परोक्ष समर्थन देने जैसा भी प्रतीत होता है। सुरक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि इस तरह के बयान आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को कमजोर करते हैं।
भारत ने पहले भी कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर TRF को लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया मुखौटा बताया है, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं, TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसके डिजिटल नेटवर्क और पूर्ववर्ती गतिविधियों की जांच में इसके शामिल होने के स्पष्ट संकेत मिले हैं।
डार के बयान ने भारत में आक्रोश पैदा कर दिया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाने की तैयारी में है। क्या पाकिस्तान की विदेश नीति अब खुलकर आतंक के समर्थन में खड़ी है? इस सवाल ने एक बार फिर भारत-पाक रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है।