नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025
कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति को कटघरे में खड़ा करते हुए तीखी आलोचना की है। विवाद उस वक्त गहराया जब पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थायी आतंकवाद विरोधी संरचना (Permanent Anti-Terror Structure – RATS) का अध्यक्ष चुना गया। यह फैसला चीन में हाल ही में संपन्न हुई SCO समिट के बाद लिया गया, जबकि सम्मेलन के घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख भी किया गया था।
पाकिस्तान की नियुक्ति और रूस का समर्थन
पाकिस्तान के अध्यक्ष बनने पर रूस ने इसे “SCO-RATS को अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा में एक प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर” बताया है। रूस का मानना है कि इस नेतृत्व से संगठन को एशियाई क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयासों को मज़बूती मिलेगी।
मोदी की मौजूदगी पर विपक्ष के सवाल
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चीन में हुए इसी समिट में प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे। वहाँ उनकी चीन और रूस के नेताओं के साथ आत्मीय मुलाकातें, ठहाके और यहां तक कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कार की सवारी जैसी तस्वीरें चर्चा में रही थीं। विपक्ष ने सवाल उठाया कि “क्या यह सब महज़ दिखावे के लिए था, जबकि पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी निकाय की कमान सौंप दी गई?”
सुप्रिया श्रीनेत का बयान
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस मुद्दे पर X (पूर्व में ट्विटर) पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने लिखा:
“यह कैसी विदेश नीति है कि आतंकवाद को शह देने वाला पाकिस्तान आज अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ नेतृत्व की भूमिका निभा रहा है? SCO हो या UN, हर जगह पाकिस्तान को जिम्मेदारी मिल रही है और भारत का तथाकथित ‘विश्वगुरु’ नेतृत्व केवल मूकदर्शक बना हुआ है। क्या यह हमारी कूटनीति की विफलता नहीं है?”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की बढ़ती भूमिका
इससे पहले भी पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र (UN) की आतंकवाद विरोधी समिति (Counter-Terrorism Committee) का उपाध्यक्ष बनाया गया था। अब SCO जैसे एशियाई प्रभाव वाले संगठन में भी पाकिस्तान को अहम पद मिलना, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में पाकिस्तान की सक्रियता और प्रभाव को दर्शाता है।
कांग्रेस का सीधा वार: “बिल्ली को दूध की रखवाली”
कांग्रेस ने व्यंग्य कसते हुए कहा कि यह स्थिति “बिल्ली से दूध की रखवाली” कराने जैसी है। पार्टी का आरोप है कि आतंकवाद को शह देने वाला पाकिस्तान अब वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर आतंकवाद विरोधी निकायों का नेतृत्व कर रहा है, और भारत, जो खुद को ‘विश्वगुरु’ कहता है, “मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है।”