नई दिल्ली 11 अगस्त 2025
दिल्ली की सियासी फिज़ा सोमवार को विपक्षी एकजुटता के नारों से गूंज उठी, जब INDIA गठबंधन के शीर्ष नेता संसद से लेकर चुनाव आयोग के दफ़्तर तक मार्च पर निकले। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 लोकसभा चुनाव में कथित “वोट चोरी” के मुद्दे पर आयोजित इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरजेडी सांसद मनोज झा, शिवसेना (UBT) की प्रियंका चतुर्वेदी, संजय राऊत और समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव समेत विपक्षी दलों के सभी नेता शामिल रहे।
सुबह 11:30 बजे संसद के मकर द्वार से शुरू हुआ यह मार्च परिवहन भवन होते हुए निर्वाचन सदन (Election Commission) की ओर बढ़ा। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कई जगह बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका, यह कहते हुए कि मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई। इस पर विपक्षी नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि सांसदों को शांतिपूर्ण मार्च के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। इसी बीच अखिलेश यादव का पुलिस बैरिकेड कूदने का दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जो इस विरोध का प्रतीक बन गया।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि “बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) एक ही कमरे में बैठकर फर्जी फॉर्म भर रहे हैं, और चुनाव आयोग ने 2003 में दो साल में पूरा हुआ काम इस बार मात्र एक महीने में निपटा दिया।” राहुल गांधी ने भी कहा कि “एक ही व्यक्ति का नाम अलग-अलग बूथों पर मौजूद है, और इस तरह की गड़बड़ी केवल डिजिटल मतदाता सूची से ही पकड़ में आ सकती है।”
शिवसेना (UBT) की प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि “जहां-जहां बीजेपी की सरकार है, वहां मतदाता सूची में डुप्लीकेशन की समस्या अधिक है।” आरजेडी सांसद मनोज झा ने इसे “बड़ा धोखा” बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद वर्गीकृत डेटा साझा नहीं कर रहा। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने यूपी उपचुनावों का हवाला देते हुए कहा, “10 विधानसभा सीटों के उपचुनावों में न सिर्फ वोट चोरी हुई, बल्कि खुलेआम बूथ कैप्चरिंग हुई। आयोग ने उन अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की, जो राज्य सरकार के आदेश पर काम कर रहे थे?”
सत्तापक्ष ने इस मार्च को “राजनीतिक नौटंकी” करार देते हुए विपक्ष पर पलटवार किया। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, “राहुल गांधी आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें शपथपत्र के साथ सबूत भी देने चाहिए। संसद में पहले दिन से हंगामा कर रहे हैं और अब सड़कों पर राजनीति कर रहे हैं।”
मार्च के चलते चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। हालांकि आयोग ने अभी तक विपक्षी नेताओं को मुलाक़ात का समय नहीं दिया है। INDIA गठबंधन का कहना है कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक चुनाव आयोग मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों की जांच और सुधार के लिए ठोस कदम नहीं उठाता।