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संसद में विपक्ष का हमला: SIR पर गांधी परिवार की अगुवाई में प्रदर्शन, चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप

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नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) को लेकर देश की राजनीति गरमा गई है। मंगलवार को संसद परिसर गांधी परिवार के नेतृत्व में विपक्षी एकजुटता का गवाह बना, जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और विपक्षी INDIA गठबंधन के कई सांसदों ने चुनाव आयोग के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने SIR को “मतदाता अधिकारों के खिलाफ साजिश” करार देते हुए इसकी तत्काल वापसी की मांग की।

संसद परिसर में गांधी परिवार की अगुवाई में हुआ विरोध प्रदर्शन

संसद भवन के मकर द्वार के सामने हुए इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, वाम दल, और तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी खेमे के वरिष्ठ सांसद शामिल रहे। प्रदर्शन के केंद्र में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा रहीं, जिन्होंने पूरे आंदोलन को नैतिक नेतृत्व प्रदान किया। हाथों में तख्तियां और काले कपड़े पहने सांसदों ने “लोकतंत्र बचाओ”, “चुनाव आयोग जवाब दो” जैसे नारों से परिसर को गूंजा दिया।

ECI पर गंभीर आरोप: मतदाता सूची में गड़बड़ी से ‘जनता का अपहरण’

विपक्ष का आरोप है कि बिहार में चुनाव आयोग ने जो विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) ड्राफ्ट रोल जारी किया है, उसमें जानबूझकर 65 लाख से अधिक नाम हटा दिए गए हैं — जिससे विपक्ष के परंपरागत वोट बैंक को कमजोर किया जा सके। कांग्रेस व अन्य दलों ने इसे “मतदाता अधिकारों का अपहरण” बताया और कहा कि यह लोकतंत्र की जड़ों पर चोट है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि “डिजिटल फॉर्मेट में रोल्स को इस तरह से बदला गया है कि जनवरी 2024 की मतदाता सूची से तुलना करना ही लगभग असंभव बना दिया गया है।”

CISF विवाद: विपक्ष का सवाल – संसद में सुरक्षाकर्मी या लोकतंत्र पर पहरा?

राज्यसभा में उस वक्त भारी हंगामा हो गया जब विपक्ष के नेताओं ने सदन के भीतर CISF जवानों की मौजूदगी को लेकर आपत्ति जताई। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीधे सवाल किया, “सदन को गृहमंत्री चला रहे हैं या पीठासीन अधिकारी?” इस टिप्पणी ने सत्ता पक्ष को भड़का दिया, लेकिन विपक्ष अपने रुख पर कायम रहा और दावा किया कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है।

सरकार की ओर से सफाई दी गई कि सदन में केवल मार्शल मौजूद थे, CISF नहीं, लेकिन विपक्ष ने इसे “झूठ और भटकाव” बताते हुए सदन में जोरदार नारेबाज़ी की।

सदन स्थगित: दोनों सदनों में हंगामा, कामकाज ठप

लगातार बढ़ते हंगामे और नारों के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि जब तक SIR पर सरकार जवाब नहीं देती और चुनाव आयोग की जवाबदेही तय नहीं होती, तब तक वे सत्र नहीं चलने देंगे।

बिहार की सियासत में हलचल, विपक्षी लामबंदी के संकेत

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस विरोध प्रदर्शन और एकजुटता से INDIA गठबंधन बिहार चुनाव को लेकर और आक्रामक मुद्रा में आ गया है। वहीं चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर देशभर में बहस तेज हो गई है।

विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग यदि जनता का विश्वास खो देगा, तो लोकतंत्र का आधार ही डगमगा जाएगा। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आयोग विपक्ष की शिकायतों पर कार्रवाई करेगा या उन्हें खारिज करेगा।

आज का दिन भारतीय संसदीय इतिहास में विपक्षी एकजुटता की एक नई मिसाल के तौर पर दर्ज किया गया, जहां गांधी परिवार के नेतृत्व में लोकतंत्र की रक्षा की हुंकार संसद के बाहर और भीतर दोनों जगह सुनाई दी।

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