नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम
18 जुलाई 2025:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री उम्मन चांडी को याद करते हुए उन्हें “अपना राजनीतिक गुरु” बताया और कहा कि उन्होंने चांडी से जनता से जुड़ाव, सादगी और सेवा का असली अर्थ सीखा। एक भावुक बयान में राहुल गांधी ने कहा कि उम्मन चांडी न केवल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, बल्कि उनके निजी मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी थे।
राहुल बोले – “चांडी जी हर मोर्चे पर मेरे साथ खड़े रहे”
राहुल गांधी ने कहा, “जब मैं राजनीति में नया था, तब चांडी जी ने मुझे न केवल राजनीतिक दृष्टि दी, बल्कि यह भी सिखाया कि लोगों की सेवा कैसे की जाती है। वे एक सच्चे जननायक थे। जमीन से जुड़े हुए, शांत और बेहद सरल। वे हर उस मोर्चे पर मेरे साथ खड़े रहे, जहाँ मैंने चुनौती महसूस की।” राहुल ने यह भी कहा कि उम्मन चांडी का सार्वजनिक जीवन त्याग, ईमानदारी और समर्पण की मिसाल था।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श नेता
उम्मन चांडी को कांग्रेस के भीतर “जननेता” के रूप में जाना जाता था। दो बार केरल के मुख्यमंत्री रहे चांडी ने दशकों तक पार्टी और जनता की सेवा की। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को उनके जीवन से यह सीखना चाहिए कि “सत्ता साधन नहीं, सेवा का माध्यम होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि चांडी ने पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक मूल्यों को हमेशा ज़िंदा रखा और हर नेता और कार्यकर्ता की बात को महत्व दिया।
राजनीति से परे एक पारिवारिक रिश्ता
राहुल गांधी का यह बयान केवल एक औपचारिक श्रद्धांजलि नहीं था, बल्कि एक व्यक्तिगत भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक था। उन्होंने कहा कि उम्मन चांडी के परिवार के साथ उनके निजी संबंध रहे हैं और वह हमेशा उन्हें एक बड़े भाई और मार्गदर्शक के रूप में देखते रहे।
एक युग का अंत, जिसकी विरासत शेष रहेगी
राहुल गांधी की यह श्रद्धांजलि उस राजनीतिक परंपरा की याद दिलाती है जहाँ अनुभव, सादगी और ज़मीनी जुड़ाव को सबसे ऊंचा स्थान दिया जाता है। उम्मन चांडी भले अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका जीवन, कार्य और सिद्धांत नई पीढ़ी के नेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। राहुल गांधी ने कहा, “चांडी सर का आशीर्वाद और शिक्षा हमेशा मेरी राजनीतिक यात्रा का हिस्सा रहेगी। वे सदा मेरे भीतर जीवित रहेंगे।”