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अब सऊदी में होगा आपका भी घर ; 2026 से विदेशियों को संपत्ति की इजाज़त, मक्का–मदीना में रहेंगी शर्तें

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अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो 7 नवंबर 2025

सऊदी अरब अब इतिहास का एक नया पन्ना पलटने जा रहा है — जहाँ कभी विदेशी नागरिकों के लिए संपत्ति खरीदने का विचार भी अकल्पनीय था, अब वही सपना हक़ीक़त में बदलने वाला है। 2026 से गैर-सऊदी नागरिकों को देश में घर, अपार्टमेंट या व्यावसायिक संपत्तियाँ खरीदने की इजाज़त मिलेगी। यह बदलाव केवल एक कानून का संशोधन नहीं है, बल्कि एक नये सऊदी युग की शुरुआत है — जहाँ रियाद से लेकर जेद्दाह तक विदेशी निवेशक अपनी जड़ें जमा सकेंगे, अपने सपनों का घर बसा सकेंगे और एक बदलते अरब की कहानी का हिस्सा बन सकेंगे।

जनरल अथॉरिटी फॉर रियल एस्टेट (REGA) इस ऐतिहासिक सुधार की अगुवाई कर रही है। आने वाले कुछ हफ्तों में यह संस्था एक विस्तृत दस्तावेज जारी करेगी, जिसमें साफ़-साफ़ बताया जाएगा कि सऊदी के कौन से क्षेत्र विदेशी स्वामित्व के लिए खुले होंगे और किन पर प्रतिबंध रहेगा। रियाद, जेद्दाह, मक्का, मदीना और दम्माम जैसे शहरों के लिए अलग-अलग जोन्स तय होंगे। इन नक्शों में यह भी बताया जाएगा कि विदेशी नागरिक कितने प्रतिशत तक स्वामित्व रख सकते हैं और किन शर्तों के तहत। यह पारदर्शिता सऊदी की नई आर्थिक सोच की झलक है — एक ऐसा दृष्टिकोण जिसमें दुनिया को सऊदी के अंदर आने के लिए खुले दरवाज़े दिखाई दे रहे हैं।

नया कानून, नई सोच, नया सऊदी:

यह सब संभव हुआ “रियल एस्टेट ओनरशिप लॉ फॉर नॉन-सऊदिस” के ज़रिए, जिसे जुलाई 2025 में मंज़ूरी मिली थी। इस कानून के तहत विदेशी नागरिकों को केवल पंजीकृत संपत्तियों में निवेश करने की अनुमति होगी — यानी हर सौदे का पूरा डेटा सरकार के रिकॉर्ड में रहेगा। यह कदम विजन 2030 की उस व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत सऊदी अरब तेल के परे जाकर खुद को एक विविध, आधुनिक और निवेश- अनुकूल राष्ट्र में बदलना चाहता है।

कानून जनवरी 2026 से प्रभावी होगा — यानी 180 दिनों के भीतर नया अध्याय शुरू हो जाएगा। सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया है कि यह सुधार किसी भी सूरत में स्थानीय नागरिकों के आवास अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि इसका उद्देश्य एक ऐसा रियल एस्टेट बाजार तैयार करना है जो निवेशकों के लिए आकर्षक और नागरिकों के लिए सुरक्षित दोनों हो।

नियम सख्त, लेकिन अवसर विशाल:

सऊदी सरकार ने इस कानून के तहत सुरक्षा और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हर सौदे पर 10% टैक्स और शुल्क लागू होंगे, ताकि सट्टेबाज़ी या अवैध खरीदारी पर अंकुश लगाया जा सके। झूठी जानकारी देने पर 10 मिलियन सऊदी रियाल तक का भारी जुर्माना तय किया गया है, और दोषी पाए जाने पर संपत्ति सार्वजनिक नीलामी में जब्त कर ली जाएगी।

यह सख़्ती दरअसल इस सुधार की मज़बूती है — सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि विदेशी निवेश पारदर्शी हो, न कि कालाधन या फर्जी कंपनियों का ठिकाना बने। इसी मक़सद से एक विशेष निगरानी समिति बनाई गई है, जिसमें 13 मंत्रालय और सरकारी निकाय शामिल होंगे। ये संस्थाएँ कानून के अनुपालन, रिपोर्टिंग और सुधार की दिशा तय करेंगी।

कौन खरीद सकता है सऊदी में संपत्ति?

यह कानून पाँच प्रमुख श्रेणियों को स्वामित्व की अनुमति देता है:

1️⃣ विदेशी व्यक्ति — यानी कोई भी गैर-सऊदी नागरिक।
2️⃣ विदेशी कंपनियाँ जो सऊदी में निवेश करना चाहती हैं।
3️⃣ ऐसी सऊदी कंपनियाँ जिनमें विदेशी शेयरधारक हैं।
4️⃣ गैर-लाभकारी संगठन।
5️⃣ राजनयिक मिशन, जैसे दूतावास और कांसुलेट।

पहली बार ऐसा होगा जब कोई प्रवासी, जिसने वर्षों तक सऊदी में काम किया, अब उसी धरती पर अपना स्थायी घर बना सकेगा। अब तक विदेशियों को सिर्फ़ लीज़ पर अधिकार मिलते थे — यानी वे संपत्ति का उपयोग तो कर सकते थे, पर मालिक नहीं बन सकते थे। अब यह बदलाव विदेशी प्रवासियों के लिए नयी उम्मीद बनकर आया है।

मक्का–मदीना के लिए रहेगी धार्मिक मर्यादा:

सऊदी अरब ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह सुधार धार्मिक और सांस्कृतिक मर्यादाओं का सम्मान करता है। मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों में संपत्ति स्वामित्व सिर्फ़ मुसलमानों तक सीमित रहेगा। वहाँ के लिए REGA अलग भौगोलिक सीमाएँ निर्धारित करेगी, ताकि परंपरा और श्रद्धा का संतुलन बना रहे। ये प्रावधान धार्मिक भावना की सुरक्षा के साथ-साथ वैश्विक सम्मान को भी बनाए रखते हैं।

विजन 2030 का ईंट-पत्थर बनता सपना:

यह कानून केवल संपत्ति के स्वामित्व की बात नहीं करता — यह उस नए सऊदी अरब की कहानी कहता है जहाँ बदलाव दिखता है, विकास महसूस होता है और भविष्य की अर्थव्यवस्था आकार लेती है। रियल एस्टेट अब तेल के बाद सबसे बड़ा आर्थिक इंजन बन रहा है, जो 120 से अधिक उद्योगों को गति देता है और लाखों रोज़गार पैदा करता है। पिछले पाँच वर्षों में 20 से अधिक रियल एस्टेट कानून बनाए जा चुके हैं, जिनका मक़सद निवेशकों का विश्वास जीतना और बाज़ार को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर लाना है।

रियाद, जेद्दाह और दमाम जैसे शहर अब स्मार्ट सिटी में तब्दील हो रहे हैं — आधुनिक हवाई अड्डे, वर्ल्ड-क्लास मॉल, ग्रीन हाउसिंग और डिजिटल ट्रांज़ेक्शन सिस्टम इस नई नीति के प्रत्यक्ष परिणाम हैं। और अब जब विदेशी निवेशक भी इस यात्रा का हिस्सा बनेंगे, तो सऊदी का आर्थिक परिदृश्य और भी तेज़ी से बदलेगा।

आर्थिक ताक़त और सामाजिक संतुलन — दोनो साथ:

REGA का कहना है कि यह सुधार “आर्थिक उछाल और सामाजिक स्थिरता दोनों का संगम” है। यह नीति नागरिकों के लिए घरों की उपलब्धता कम नहीं करेगी, बल्कि विदेशी पूँजी से निर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे आवास और किफ़ायती बनेगा। इससे शहरी विकास, लॉजिस्टिक्स, कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर में नए अवसर पैदा होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दशक में रियल एस्टेट क्षेत्र सऊदी की GDP में तेल के बाद सबसे बड़ा योगदान देने वाला सेक्टर बन जाएगा।

एक नया सऊदी, एक नया सपना:

जनवरी 2026 का वह महीना सऊदी अरब की आधुनिक आर्थिक यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा। अब यह देश केवल तेल के कुओं का नहीं, बल्कि गगनचुंबी इमारतों, निवेशक-अनुकूल नीतियों और खुले अवसरों का प्रतीक बन जाएगा।

रियाद से जेद्दाह और मक्का से मदीना तक — जहाँ कभी विदेशी स्वामित्व एक कल्पना थी, अब वहाँ “अब सऊदी में होगा आपका भी घर” जैसी बात हक़ीक़त बन रही है। यह सिर्फ़ एक नीति नहीं, बल्कि विश्वास और परिवर्तन की मिसाल है — एक ऐसा सऊदी जो दुनिया को आमंत्रित कर रहा है:“आइए, बसिए यहाँ — क्योंकि अब यह देश आपका भी घर है।”

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