उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक और शहरी क्षेत्र नोएडा को लेकर एक बड़ा फैसला सामने आया है। अब नोएडा को “टैक्स-फ्री ज़ोन” घोषित कर दिया गया है। इस फैसले के तहत चुनिंदा सेवाओं और श्रेणियों पर टैक्स में पूरी छूट दी गई है, जिससे आम नागरिकों, उद्यमियों और निवेशकों को बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
राज्य सरकार और नोएडा प्राधिकरण के इस संयुक्त निर्णय का उद्देश्य निवेश को आकर्षित करना, छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देना, और शहर में आर्थिक गतिविधियों को गति देना है। टैक्स फ्री सुविधा का फायदा उन कारोबारियों को भी मिलेगा जो स्टार्टअप्स, आईटी, एजुकेशन, हेल्थकेयर और सर्विस इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं।
क्या बदलेगा?
- कई प्रकार की संपत्ति कर, व्यापार कर और सेवा शुल्कों से छूट मिलेगी।
- हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रियल एस्टेट में मांग बढ़ सकती है।
- स्टार्टअप्स और एमएसएमई सेक्टर को टैक्स राहत से नए प्रोजेक्ट शुरू करने में सुविधा होगी।
- रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे युवाओं को फायदा होगा।
- निवेशकों के लिए नोएडा एक आकर्षक केंद्र के रूप में उभरेगा।
किसे होगा सबसे ज़्यादा फायदा?
छोटे व्यापारी, आईटी कंपनियां, हेल्थकेयर व शिक्षा संस्थान, स्टार्टअप्स और आम नागरिक— सभी को अलग-अलग रूपों में लाभ होगा। इससे नोएडा की ब्रांड वैल्यू और प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि नोएडा को टैक्स फ्री बनाना अर्थव्यवस्था के विकेंद्रीकरण और क्षेत्रीय विकास की दिशा में बड़ा कदम है। वहीं, दिल्ली-NCR क्षेत्र में यह नोएडा को एक नई पहचान देने वाला फैसला माना जा रहा है। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस टैक्स-फ्री नीति को कितने समय तक जारी रखती है, और क्या यह मॉडल देश के अन्य शहरों के लिए भी उदाहरण बनता है या नहीं।