नई दिल्ली
17 जुलाई 2025
भारत के खनन क्षेत्र ने अप्रैल–मई 2024 के दौरान 7% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है, जो देश की औद्योगिक मजबूती और आर्थिक पुनरुत्थान का स्पष्ट संकेत है। इस दो-महीने की अवधि में लौह-अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट और अन्य प्रमुख खनिजों के उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई। खासतौर पर, लौह-अयस्क उत्पादन में 4% की वृद्धि और चूना पत्थर के उत्पादन में 2.1% की बढ़त दर्ज की गई, जो निर्माण और इस्पात उद्योग की तेज़ मांग को दर्शाती है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भी खनन क्षेत्र ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया था, और अब अप्रैल–मई 2024 की यह वृद्धि उस निरंतरता का प्रमाण है। खनिज उत्पादन के बढ़ते आंकड़े यह साबित करते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था बुनियादी ढांचे और उद्योग क्षेत्र के माध्यम से स्थिर गति से आगे बढ़ रही है। इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) में भी खनन और बिजली क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन के चलते समग्र औद्योगिक उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।
खनन क्षेत्र में यह वृद्धि न केवल उत्पादन तक सीमित है, बल्कि इसका प्रभाव रोजगार, निवेश और स्थानीय विकास पर भी दिख रहा है। सरकार की खनन अन्वेषण नीतियों, पारदर्शी खनिज ब्लॉक नीलामी और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की रणनीतियों से यह क्षेत्र तेज़ी से विकसित हो रहा है। आने वाले महीनों में भी खनन गतिविधियों में और तेजी आने की संभावना है, जो आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और सशक्त करेगी।