बेंगलुरु, कर्नाटक
31 जुलाई 2025
महज़ वजन घटाने और शरीर बनाने तक सीमित नहीं रहकर अब फिटनेस एक होलिस्टिक लाइफस्टाइल मूवमेंट बन चुका है। बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद जैसे टेक-सिटीज़ में विशेष रूप से देखा जा रहा है कि युवा अब फिटनेस को एक ‘मेंटल वेलनेस’ के रूप में अपना रहे हैं।
अब जिम की जगह लोग कैलिस्थेनिक्स, योग, रनिंग क्लब, डांस फिटनेस (जुम्बा), और आउटडोर ऐक्टिविटीज को ज़्यादा पसंद कर रहे हैं। मॉर्निंग रनिंग ग्रुप्स और वीकेंड ट्रेक्स अब एक नया सामाजिक दायरा बना रहे हैं, जहाँ फिटनेस के साथ-साथ लोग नए दोस्त भी बना रहे हैं।
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 18 से 35 वर्ष के बीच के लगभग 58% लोग अब जिम में नहीं, बल्कि ओपन-एयर या होम-बेस्ड वर्कआउट को प्राथमिकता दे रहे हैं। खासकर कोविड के बाद से यह आदत और तेज़ी से बढ़ी है।
इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर “फिटनेस इनफ्लुएंसर” एक नई भूमिका में उभरे हैं, जो ना सिर्फ एक्सरसाइज़ बताते हैं, बल्कि डाइट प्लान, माइंडफुलनेस, और नींद की अहमियत पर भी ध्यान दिलाते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर महिला फिटनेस ट्रेनर और योग गुरु भी बड़ी संख्या में सामने आए हैं, जो लड़कियों को ‘सेल्फ-डिफेंस फिटनेस’ तक सिखा रहे हैं।
टेक्नोलॉजी भी पीछे नहीं — स्मार्टवॉच, हेल्थ ऐप्स और AI-आधारित फिटनेस गाइड्स अब हर घर में देखे जा सकते हैं।
डॉक्टरों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित व्यायाम न सिर्फ शरीर को, बल्कि मन को भी स्वस्थ बनाता है, और आज की तनावपूर्ण जीवनशैली में यह एक अनिवार्य आवश्यकता बन गया है।