नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025
भारत और फिलीपींस के बीच कूटनीतिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुएल्डेज़ मार्कोस जूनियर की भारत यात्रा सोमवार से औपचारिक रूप से शुरू हो गई। इस पांच दिवसीय राजकीय दौरे के तहत मंगलवार को राष्ट्रपति मार्कोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों को “अभूतपूर्व गहराई” प्रदान करने वाला कदम बताया जा रहा है।
राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत, राजघाट जाकर दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति मार्कोस का भव्य स्वागत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हुआ। इसके बाद उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।
भारत-फिलीपींस संबंधों में नया दौर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को ही राष्ट्रपति मार्कोस से भेंट की थी और यह स्पष्ट किया था कि “पीएम मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस की बातचीत से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में अभूतपूर्व प्रगति होगी।” जयशंकर ने इसे दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच सहयोग का महत्वपूर्ण मोड़ करार दिया।
चर्चा के प्रमुख मुद्दे: रक्षा, व्यापार, तकनीक और इंडो-पैसिफिक रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा, व्यापार-वाणिज्य, तकनीकी आदान-प्रदान, डिजिटल साझेदारी, आपदा प्रबंधन, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के बीच समुद्री निगरानी प्रणाली और संयुक्त सैन्य अभ्यासों पर भी सहमति बनी है।
बेंगलुरु यात्रा और तकनीकी सहयोग पर फोकस
राष्ट्रपति मार्कोस 7 अगस्त को बेंगलुरु का दौरा करेंगे, जहां वह भारत की स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम से जुड़ने के लिए ISRO, HAL और कई IT कंपनियों का दौरा करेंगे। फिलीपींस ने भारत के साथ AI, स्पेस टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा में सहयोग को प्राथमिकता दी है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साझेदारी की प्रतिबद्धता
दोनों नेताओं ने यह भी दोहराया कि वे ASEAN, QUAD और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर लोकतंत्र, अंतरराष्ट्रीय कानून और शांति के लिए मिलकर कार्य करेंगे। चीन के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए यह साझेदारी रणनीतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भारत-फिलीपींस संबंधों में नया विश्वास और ऊर्जा
राष्ट्रपति मार्कोस की यात्रा को “इतिहास और भविष्य के मिलन” की संज्ञा दी जा रही है। यह दौरा केवल राजनयिक औपचारिकताओं तक सीमित नहीं, बल्कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और फिलीपींस की लुक वेस्ट रणनीति को समेकित करने की दिशा में मजबूत कदम है। भारत और फिलीपींस द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग, रणनीतिक मजबूती और लोकतांत्रिक मूल्यों के वैश्विक प्रहरी के रूप में उभरते दिख रहे हैं।