तारीख: 11 नवंबर 2024- स्थान: नई दिल्ली
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर 11 नवंबर 2024 को देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर गहन चर्चा हुई। इस वर्ष का केंद्रीय विषय था — “AI & Education: Shaping the Future with a Human Touch”, जिसने तकनीकी युग में शिक्षा की नई दिशा और दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
इस अवसर पर देशभर के विश्वविद्यालयों, स्कूलों, शिक्षण संस्थानों और नीति-निर्माताओं ने सम्मिलित रूप से यह स्वीकार किया कि AI आज शिक्षा का एक अविभाज्य हिस्सा बन चुका है — वह पाठ्यक्रम तैयार करने से लेकर छात्रों की सीखने की गति को समझने, पर्सनलाइज्ड लर्निंग एक्सपीरियंस देने और प्रशासनिक कार्यों को आसान बनाने तक हर स्तर पर प्रभावी है। लेकिन इस आयोजन की सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह रही कि AI आधारित शिक्षा में “मानव-संवेदनशीलता” (Human-Centricity) को आवश्यक बताया गया।
शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने चेताया कि यदि शिक्षा केवल मशीनों के डेटा-एल्गोरिदम के भरोसे छोड़ दी गई, तो उसमें मानवीय मूल्य, नैतिकता, सामाजिक संवेदना और रचनात्मकता की हानि हो सकती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि तकनीकी टूल्स को शिक्षक और छात्र के बीच सहायक की भूमिका में देखा जाए, न कि विकल्प के रूप में।
कार्यक्रम के दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत चल रहे प्रयासों को भी फिर से परखा गया। इसमें शिक्षा को सुलभ, समावेशी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाने के साथ-साथ छात्रों में 21वीं सदी के कौशल जैसे क्रिटिकल थिंकिंग, सहयोग, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और डिजिटल साक्षरता को विकसित करने पर बल दिया गया।
अनेक राज्य सरकारों ने इस दिन को विशेष बनाते हुए AI लैब्स का उद्घाटन किया, बच्चों के लिए AI-बेस्ड लर्निंग ऐप्स लॉन्च किए गए और शिक्षकों को AI के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने की कार्यशालाएं शुरू की गईं।
इस दिन की सबसे गूंजती आवाज़ रही: “AI केवल टेक्नोलॉजी नहीं, यह शिक्षण में सहभाव और सृजनशीलता का नया मंच बने”। यह राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, देश की आगामी शैक्षणिक रणनीतियों को तय करने में एक मील का पत्थर सिद्ध हुआ — जहाँ तकनीक और मानवता साथ-साथ चलें, और शिक्षा न केवल सूचना का माध्यम हो, बल्कि मूल्य आधारित जीवन निर्माण का आधार भी बने।