नई दिल्ली / लेह 28 सितंबर 2025
लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण और समाज सुधारक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने खुद को कटघरे में पाते नहीं देखा। उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने आरोपों का ज़ोरदार खंडन करते हुए कहा है कि उनके पति का पाकिस्तान से कोई रिश्ता नहीं है, और जिस हिंसा को लेकर उन पर आरोप लगाया जा रहा है, उसकी मुख्य ज़िम्मेदार सीआरपीएफ (CRPF) है। यह बयान एक ऐसे विवाद के बीच आया है जिसमें वांगचुक पर उत्तेजक भाषणों और हिंसा भड़काने के आरोप तो लगे हैं, लेकिन परिवार और समर्थक उनका बचाव कर रहे हैं।
गीतांजलि ने मीडिया से कहा कि विदेश यात्रा और विभिन्न सम्मेलनों में वांगचुक की भागीदारी हमेशा पर्यावरण और जलवायु मुद्दों पर केंद्रित रही है। उन्होंने बताया कि कुछ आरोपित घटनाओं को गलत अनुवाद या संदर्भ से बाहर प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि हिंसा तब फैली जब CRPF कर्मियों ने अश्रु गैस छोड़ी और गोलीबारी की — युवाओं ने वहीं से प्रतिक्रिया दी। अंगमो ने सवाल किया, “CRPF को यह अधिकार किसने दिया कि वह अपनी ही जनता पर गोली चलाई?” उन्होंने जोर देकर कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसा से जोड़ना गलत और उत्तेजित करने वाला कदम है।
जबकि सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि वांगchुक के भाषणों और कथित “प्रोत्साहक बयानों” ने माहौल गरमाया, और लद्दाख में बड़े पैमाने पर दंगों की भूमिका निभाई। सरकारी दावे के मुताबिक हिंसा रोकने के लिए पुलिस ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की।
गीतांजलि ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी के बाद उनके घर पर छापा मारा गया और दस्तावेज़ हाथों से ले लिए गए, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी आदेश की एक प्रति नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि वे कानूनी रास्ते आज़माएँगी और जनता के सामने सच को रखी जाएँगी।
वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, जिसके तहत वह जोधपुर केंद्रीय जेल भेजे गए हैं। यह मामला लद्दाख की राजनीति, केंद्र और राज्य के बीच संवेदनशील संबंधों तथा लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक बड़ी लड़ाई बन गया है।