शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को कड़े शब्दों में घेरते हुए आतंकवाद को विश्व शांति और विकास का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद सिर्फ किसी देश की आंतरिक समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और जो देश इसे समर्थन देते हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक आतंकवाद को पनाह देने वाली ताकतों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शांति की राह आसान नहीं होगी। उनका यह बयान पाकिस्तान के खिलाफ सीधे तौर पर एक सख्त संदेश माना जा रहा है। भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने और उन्हें मदद करने का आरोप लगाता रहा है। SCO जैसे बड़े मंच पर इस मुद्दे को उठाकर मोदी ने एक बार फिर वैश्विक जगत को आगाह किया कि आतंकवाद का खतरा सीमाओं से परे है।
मोदी ने आतंकवाद के साथ-साथ कनेक्टिविटी, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास तभी संभव है जब क्षेत्र में शांति और स्थिरता हो। भारत की यह कोशिश है कि SCO को सहयोग का मंच बनाया जाए, लेकिन यह तभी संभव होगा जब सभी सदस्य देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ें।
इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मोदी के भाषण को गौर से सुनते रहे, लेकिन उनके चेहरे की मजबूरी साफ झलक रही थी। विशेषज्ञ मानते हैं कि मोदी का यह रुख न केवल पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करता है बल्कि SCO में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाता है।
भारत ने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के मुद्दे को लगातार उठाया है और मोदी का यह आक्रामक रुख यह दिखाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। SCO समिट में मोदी का यह संदेश पाकिस्तान के लिए एक करारा झटका और भारत की कूटनीति की जीत माना जा रहा है।