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“मियाँ भाई ने मचाई धूम”: सिराज की कड़ी मेहनत को मिला इनाम, अश्विन ने जताई चिंता—”इस नायाब रत्न को संभालिए”

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नई दिल्ली

 5 अगस्त 2025 

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के आखिरी टेस्ट में तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने जो कर दिखाया, वो किसी स्क्रिप्टेड फिल्म से कम नहीं था। 9 विकेट चटकाकर सिराज ने टीम इंडिया को 6 रन की रोमांचक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई और सीरीज 2-2 से बराबरी पर खत्म की।

अब भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने टीम मैनेजमेंट और कप्तान शुभमन गिल व कोच गौतम गंभीर से अपील की है—”इस नायाब रत्न को संभालिए, यही भारत का भविष्य है।”

“हमने सिराज को नहीं पहचाना” – अश्विन

अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए अश्विन ने कहा,

“हमने मोहम्मद सिराज को पहले नहीं पहचाना। अब वक्त आ गया है कि उन्हें पूरी तरह से स्वीकार करें। उनके जश्न को देखिए, मानो वो कह रहे हों—‘यह सिर्फ ट्रेलर नहीं, ये पूरी फिल्म है’। वो हमें याद दिला रहे हैं कि वो मैच विनर हैं।”

अश्विन ने सिराज की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमेशा मैदान पर रहते हैं, चाहे कितनी भी थकावट हो या दर्द।

बुमराह की गैरमौजूदगी में सिराज ने संभाला मोर्चा

जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में सिराज ने भारत के तेज आक्रमण की अगुवाई की और 5 टेस्ट मैचों में 23 विकेट के साथ सीरीज के टॉप विकेट-टेकर बने। खास बात यह रही कि ओवल टेस्ट में उन्होंने 187 ओवर गेंदबाज़ी की—जो किसी भी गेंदबाज द्वारा सबसे ज्यादा थी।

सिराज के करियर की नई ऊंचाई

दूसरी पारी में 5 विकेट, जिसमें आखिरी दिन के अंतिम चार में से तीन विकेट शामिल थे।

डे 4 पर हैरी ब्रूक का कैच छोड़ने की गलती के बावजूद, सिराज ने वापसी कर दिखा दिया कि असली खिलाड़ी कौन होता है।

सिराज ने खुद कहा था, “टी20 वर्ल्ड कप में हम बुमराह भाई को मानते थे, लेकिन आज मियां भाई (मैं) सीरीज बचाने वाला बना।”

“ऐसे खिलाड़ी पीढ़ियों में एक बार आते हैं” – अश्विन

अश्विन ने सिराज के समर्पण की तुलना “क्रिकेटिंग गॉड्स की कृपा” से की और कहा, “ऐसे खिलाड़ी बार-बार नहीं आते। सिराज एक पीढ़ी में एक बार मिलने वाला क्रिकेटर है। उसकी कार्य नीति, जज़्बा और मैदान पर हर वक़्त मौजूद रहने की आदत उसे खास बनाती है।”

अब क्या?

अश्विन ने सुझाव दिया कि सिराज को आराम देना चाहिए जब मैच महत्वहीन हों, ताकि उनका शरीर और आत्मविश्वास दोनों लंबे समय तक कायम रहें। साथ ही टीम को सिराज के अनुभव के इर्द-गिर्द नए गेंदबाज जैसे आकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा और अर्शदीप सिंह को तैयार करना चाहिए।

“मियां भाई” अब सिर्फ नाम नहीं, पहचान है

मोहम्मद सिराज की इस ऐतिहासिक सीरीज में परफॉर्मेंस ने उन्हें भारतीय क्रिकेट का अगला भरोसेमंद योद्धा बना दिया है। अब ज़िम्मेदारी टीम मैनेजमेंट और कप्तानों की है कि वो इस हीरे को घिसकर और चमकाएं, ना कि थका कर कुंद कर दें। सिराज ने बता दिया है – वो ट्रेलर नहीं, पूरी पिक्चर हैं।

 

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